भारत रत्न गोविंद वल्लभ पंत: एक महान नेता।
आज हम एक ऐसे महान नेता की जयंती मना रहे हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश के विकास में अपना योगदान दिया। गोविंद वल्लभ पंत, जिन्हें पंत जी के नाम से भी जाना जाता है, एक सच्चे देशभक्त और महान नेता थे जिन्होंने अपना जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया।
पंत जी का जन्म 10 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा इलाहाबाद और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक वकील के रूप में की, लेकिन जल्द ही वे राजनीति में शामिल हो गए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए।
पंत जी ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष जारी रखा।
स्वतंत्रता के बाद, पंत जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए भी काम किया।
पंत जी को उनकी महान सेवाओं के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्हें एक सच्चे देशभक्त और महान नेता के रूप में याद किया जाता है। उनकी जयंती पर हमें उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए।गोविंद वल्लभ पंत जी की विशेषताएं और योगदान:
1. देशभक्ति: पंत जी एक सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने अपना जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया।
2. नेतृत्व: पंत जी एक महान नेता थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
3. एकता और अखंडता: पंत जी ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए काम किया।
4. शिक्षा और स्वास्थ्य: पंत जी ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
5. कृषि विकास: पंत जी ने कृषि विकास के लिए कई कदम उठाए, जिससे उत्तर प्रदेश के किसानों को बहुत लाभ हुआ।
6. सामाजिक न्याय: पंत जी ने सामाजिक न्याय के लिए काम किया और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया।
पंत जी की जयंती पर हमें उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए।
— डॉ. मुश्ताक अहमद शाह