कुण्डली/छंद

पर्व पावन

आओ अंबे मात, पर्व पावन शुभकारा।

पूरो आशा मात, भक्ति भाव बहे धारा।।

भावे पूजा भक्ति, भाव कल्याणी धाता।

साहस, संबल, शक्ति, स्नेह दीप जगमगाता।।  

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८