आलू से सोना बना
आलू से सोना बना, फैक्ट्री चली अपार
दस रुपिया का बटाटा,चालिस बिके बजार
फिर आई जब जलेबी,मची जगत में धूम
रोजगार मिलने लगे,देश रहा है झूम
ढोसा के उत्पाद पर,चहक उठे युवराज
लेकिन हरियाणा हुआ, जुमलों से नाराज़
मोची संग जूता सिएं,भड़का रहे किसान
इधर मजे ले रहा है, द्रोही ख़ालिस्तान
नेताओं में मची है,देखो फेंकम फेंक
जाति-जाति को लड़ाकर,लोग रहे हैं सेंक
कड़वी लागे जलेबी, ढोसा है बेहाल
ईवीएम को कोसते, सारे नटवरलाल।
— सुरेश मिश्र
