शुभ बेला
नवरात्रि की आई देखो है शुभ बेला,
माँ दुर्गा की महिमा है केला।
नौ दिनों का सुंदर पर्व है चला,
माँ की आराधना का समय है मिला।
पहला दिन शैलपुत्री के नाम,
बिगड़े बनाए माता सारे काम।
दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी का,
तीसरा दिन चंद्रघंटा का स्वरूप,
चौथा दिन होता माता कूष्मांडा का।
पांचवा दिन होते स्कंदमाता के दर्शन,
छठा दिन माता कात्यायनी को अर्पण।
सातवा दिन कालरात्रि का होता,
आठवा दिन महागौरी पूजन होता।
नौवा दिन सिद्धिदात्री को समर्पित,
माँ की कृपा हम सब पर यही हमारी अर्ज।
जय माँ दुर्गा, जय माँ काली,
जय माँ सरस्वती, जय माँ लक्ष्मी।
— कैप्टन (डॉ.) जय महलवाल