ठंड में नहाने का मनोरथ अच्छा है, परन्तु अनुकूल नहीं
ठंडी हवाओं के चलते ठंड में नहाने का मनोरथ बहुत अच्छे से अच्छा है लेकिन , ठंड के दिनों में यह मनोरथ बिल्कुल अनुकूल नहीं लग रहा है समझ गए ना , ठंड में नहाने के परिणाम घातक रूप में प्राप्त हो सकते हैं ?
किसी ने जरूर कहा कि , ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए , गाना आए या न आए गाना गाना चाहिए , हो आज मौसम बड़ा बेईमान है बड़ा बेईमान है आज़ मौसम। यह गीत क्या कहना चाहता है समझ में नहीं आ रहा है । ठंड के दिनों में ठंडे पानी से नहाएं या गाना गाएं या फिर मौसम को बेईमान बताएं ठंड का अधिक प्रकोप होने से ठंड में कोई ये काम करे या ना करें मुझे इससे कोई मतलब नहीं परंतु नहाने पर मैंने तो आपने लिए प्रतिबंध लगा दिया और यह सूचना सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर भेज दी थी सूचना देखते ही परिवार व दोस्तों ने चार वेद , 18 पुराण के साथ-साथ कई कई धार्मिक ग्रंथों में नहाने के फायदे बताकर ज्ञान चंद गुगल वाले से ज्यादा ज्ञानी बनकर मेरे साथ तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे और मेरे साथ राजनीति का खेल खेल रहे है ।
ठंड का सम्मान करना ठीक है लेकिन सम्मान की जगह सम्मान है नहाना अलग अलग बात है क्योंकि की, ठंड के दिनों में नहाते समय ठंडे पानी से ठंड ना लगे इसके लिए कुछ घरेलू टोने-टोटके अपना रहा हूं जैसे जल के पास बैठकर कुछ देर तक ताकते रहना , स्पर्श स्नान करना , छींटा स्नान , चक्षु स्नान, दर्शन स्नान करके अपना काम निकाल रहा हूं और सबकी बाज जैसी नजरों से स्वयं को बचा रहा हूं ठंड के दिनों में न नहाने के तरीके और बचने की राहों में तुम्हारे द्वारा बताए गए टोटके मेरे लिए सौ फीसदी कारगर साबित हो रहें हैं और मेरे हिसाब से ठंड के दिनों में न नहाने वाले को सिकंदर कहते हैं । मेरे द्वारा अपनाएंगे टोटके अपनी बुद्धिमत्ता के आधार पर आप सुधी जन उपयोग करके सजग रह कर सावधान रहें तो बेहतर रहेगा ।
पहला टोटका – सोमवार के दिन ठंड हो या न हो फिर भी अत्यधिक ठंड बताकर न नहाने का झूठा ही सही जोर जोर से हल्ला मचा कर अपना आपको घरवालों के सामने ऐसा दिखना की मै नहा कर आ गया हूं और कुछ देर के लिए धूप में खड़े हो जाओ और ये मधुर गीत गुनगुनाते हुए बताना कि , आज ही हमने बदले हैं कपड़े आज ही हम नहाए हुए हैं ।
दुसरा टोटका – मंगलवार के दिन मंगल भवन अमंगल हारी ठंड के दिनों में तेज हवाओं का प्रकोप जारी इस दिन ठंडे पानी से बिना कोई दंगल किए सिर्फ़ सिर्फ़ स्पर्श स्नान करके सहस बदन तुम्हरों यश गावें का काव्यात्मक भाव मन में धारण करने से स्नान पूर्ण मान लेना चाहिए ।
तिसरा टोटका – बुधवार के दिन बुद्ध की तरह शांत रहकर परिवार से कोई युद्ध ना करें ठंड में अपने आप को बचाएं रखना और न नहाने का बुद्धि पूर्ण तरीके से तर्क पर तर्क देकर नहाने से बचने का भरसक प्रयास करें जैसे चुनाव जीतने के लिए नेता कौन-कौन से प्रयोग , रणनीति , चापलूसी आदि आदि करता है ।
चौथा टोटका – गुरुवार के दिन अपने आप को घर में गुरु ठंडेश्वर का परम भक्त की तरह मानते हुए नहाने से बचने के लिए मौनत्व भाव धारण करते हुए देर सवेर तक सोते रहे तो भी कोई बात नहीं और अगर कोई आवाज लगाएं तो उनसे कह देना ठंड के मौसम में ठंडेश्वर गुरु का ध्यान कर रहा हूं अतः आज नहाने की छुट्टी है
पांचवां टोटका – शुक्रवार के दिन बीते चार दिनों में नहीं नहाने के जो उपाय अपनाया है उन उपाय के प्रति ठंड का भरपूर शुक्रिया अदा करके अपने मन मस्तिष्क को ठंड की तरह ठंडा रखा खुशी जाहिर कर सकते हैं और ठंड के दिनों में नहाने का जो संकल्प है उसे संकल्प के प्रति निष्ठावान बनकर अपने भाव के प्रति निश्चित रहे ।
छंटा टोटका – शनिवार के दिन अगर कोई परिवार का सदस्य , मित्र कहे की ठंड की दिनों में क्यों नहीं नहा रहे हो तो तुरंत कह देना कि ठंड के मौसम में शनि की साडेसाती जैसी बूरी हवाएं लगी हुई है अतः क्षमा चाहता हूं मुझे नहाने के लिए कोई बाध्य नहीं करें । संविधान द्वारा प्रदत स्वतंत्रता के अधिकार के तहत मानव अधिकार आयोग के साथ अपने अधिकार का प्रयोग कर सकता हूं अतः कोई अपना मुंह ना खोलें मुझे मजबूर न करें ।
सातवां टोटका – रविवार के दिन छुट्टी का दिन है आराम का दिन है मौज मस्ती करने का दिन होता है इस दिन भी अगर कोई नहाने का बोल तो उनसे बोल देना कि , ठंड के मौसम में नहाने की छुट्टी है अतः सजग रहे सावधान रहे ठंड से बचें नहाने से बचें रहे।
ठंड के मौसम में न नहा कर अपने आप को समाज में सबसे बड़ा पानी बचतक बताना चाहिए और सभी को ठंड में न नहाने के टोने टोटके , घरेलू नुस्खे बताना चाहिए और अगर किसी के पास इस तरह से कोई ओर टोटके हों तो वह एक दूसरे को बताने से तनिक भी नहीं चुकाना चाहिए । यह टोटके मेरे द्वारा व्यक्तिगत रूप से अपनाएं गएं है इससे मुझे बहुत बड़ा फायदा हुआ है क्योंकि ऐसे अचुक टोटके मेरे मित्र के द्वारा बताए गए हैं जिन्हें में आपको बता रहा हूं। समझ गए ना मैं क्या कहना चाहता हूं।
— प्रकाश हेमावत