कबीरदास के नाम पे होता हैं फक्र
जब भारतीय संत परंपरा का होता है जिक्र,
तब संत कबीरदास के नाम पे होता हैं फक्र।
ऐसी वाणी, पाखंड की बेड़ियों को तोड़ गईं,
मानवता को सत्य व प्रेम की राह दिखा गईं।
कबीर, तूफान की तरह गूँजायमान होता हैं,
न झुकने और न थमने वाला संत पिरोता हैं।
जब भारतीय संत परंपरा का होता है जिक्र,
तब संत कबीरदास के नाम पे होता हैं फक्र।
वे न राजसत्ता के गुलाम, न धर्म के ठेकेदार,
सत्य,समानता और करुणा के बने पहरेदार।
क्रांति का शंखनाद और चेतना का महापर्व,
कबीर की आवाज हमें झकझोर रहीं हैं गर्व।
— संजय एम तराणेकर