सामाजिक

संतुलित और सामंजस्यपूर्ण तरीके से ही इंटरनेट मोबाइल का उपयोग बेहतर

इंटरनेट, मोबाइल और कंप्यूटर के लगातार इस्तेमाल से कई नुकसान हो सकते हैं, जैसे कि आंखों की समस्या, मानसिक तनाव, शारीरिक निष्क्रियता और सामाजिक अलगाव।
लेकिन इसके फायदे भी हैं। इंटरनेट और मोबाइल ने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है। हम अब घर बैठे ही ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं, बैंकिंग और भुगतान कर सकते हैं, शिक्षा और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, और दुनिया भर के लोगों से जुड़ सकते हैं।
यह सच है कि अब इंटरनेट और मोबाइल हमारी जरूरत की वस्तु बन गए हैं। हमारे जीवन के कई पहलुओं में इनका इस्तेमाल अनिवार्य हो गया है।
इसलिए, मुझे लगता है कि हमें इंटरनेट और मोबाइल के इस्तेमाल के बारे में संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। हमें इनके फायदों का लाभ उठाना चाहिए, लेकिन साथ ही साथ इनके नुकसानों से भी बचना चाहिए।
इंटरनेट, मोबाइल और कंप्यूटर के इस्तेमाल से जुड़ी कुछ और जानकारी,
फायदे,,,,,
इंटरनेट ने हमें दुनिया भर की जानकारी की पहुंच प्रदान की है।
मोबाइल और इंटरनेट ने हमें दुनिया भर के लोगों से संचार करने की सुविधा प्रदान की है।
इंटरनेट ने ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा प्रदान की है, जिससे हम घर बैठे ही शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
इंटरनेट ने व्यवसायिक अवसरों की एक नई दुनिया खोली है, जिससे हम ऑनलाइन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
नुकसान,,,,
लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल की स्क्रीन देखने से आंखों की समस्या हो सकती है।
इंटरनेट और मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से मानसिक तनाव हो सकता है।
लंबे समय तक बैठकर कंप्यूटर या मोबाइल का इस्तेमाल करने से शारीरिक निष्क्रियता हो सकती है।
इंटरनेट और मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से सामाजिक अलगाव हो सकता है, जिससे हम अपने परिवार और मित्रों से दूर हो सकते हैं।
संतुलित इस्तेमाल करना हितकर,,,,
इंटरनेट और मोबाइल के इस्तेमाल के लिए समय सीमा निर्धारित करें।
नियमित विश्राम लें और अपनी आंखों को आराम दें।
नियमित शारीरिक गतिविधि करें और अपने शारीर को सक्रिय रखें।
अपने परिवार और मित्रों के साथ सामाजिक संपर्क बनाए रखें।
ज़रूरत के वक्त ही तकनीक का इस्तेमाल करने से हम अपने समय, ऊर्जा और संसाधनों का सही तरीके से उपयोग कर सकते हैं। इससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद मिल सकती है।
संतुलित और सामंजस्यपूर्ण तरीके से तकनीक का इस्तेमाल करना ही बेहतर है।

— डॉ. मुश्ताक अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

पिता का नाम: अशफ़ाक़ अहमद शाह जन्मतिथि: 24 जून जन्मस्थान: ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा, मध्य प्रदेश कर्मभूमि: हरदा, मध्य प्रदेश स्थायी पता: मगरधा, जिला हरदा, पिन 461335 संपर्क: मोबाइल: 9993901625 ईमेल: dr.m.a.shaholo2@gmail.com शैक्षिक योग्यता एवं व्यवसाय शिक्षा,B.N.Y.S.बैचलर ऑफ़ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस. बी.कॉम, एम.कॉम बी.एड. फार्मासिस्ट आयुर्वेद रत्न, सी.सी.एच. व्यवसाय: फार्मासिस्ट, भाषाई दक्षता एवं रुचियाँ भाषाएँ, हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी रुचियाँ, गीत, ग़ज़ल एवं सामयिक लेखन अध्ययन एवं ज्ञानार्जन साहित्यिक परिवेश में रहना वालिद (पिता) से प्रेरित होकर ग़ज़ल लेखन पूर्व पद एवं सामाजिक योगदान, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल, मगरधा पूर्व प्रधान पाठक, उर्दू माध्यमिक शाला, बलड़ी ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी कम्युनिटी हेल्थ वर्कर, मगरधा साहित्यिक यात्रा लेखन का अनुभव: 30 वर्षों से निरंतर लेखन प्रकाशित रचनाएँ: 2000+ कविताएँ, ग़ज़लें, सामयिक लेख प्रकाशन, निरन्तर, द ग्राम टू डे, दी वूमंस एक्सप्रेस, एजुकेशनल समाचार पत्र (पटना), संस्कार धनी (जबलपुर),जबलपुर दर्पण, सुबह प्रकाश , दैनिक दोपहर,संस्कार न्यूज,नई रोशनी समाचार पत्र,परिवहन विशेष,समाचार पत्र, घटती घटना समाचार पत्र,कोल फील्ड मिरर (पश्चिम बंगाल), अनोख तीर (हरदा), दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद, नगर कथा साप्ताहिक (इटारसी) दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार, दैनिक जागरण, मंथन (बुरहानपुर), कोरकू देशम (टिमरनी) में स्थायी कॉलम अन्य कई पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाएँ प्रकाशित प्रकाशित पुस्तकें एवं साझा संग्रह साझा संग्रह (प्रमुख), मधुमालती, कोविड, काव्य ज्योति, जहाँ न पहुँचे रवि, दोहा ज्योति, गुलसितां, 21वीं सदी के 11 कवि, काव्य दर्पण, जहाँ न पहुँचे कवि (रवीना प्रकाशन) उर्विल, स्वर्णाभ, अमल तास, गुलमोहर, मेरी क़लम से, मेरी अनुभूति, मेरी अभिव्यक्ति, बेटियां, कोहिनूर, कविता बोलती है, हिंदी हैं हम, क़लम का कमाल, शब्द मेरे, तिरंगा ऊंचा रहे हमारा (मधुशाला प्रकाशन) अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा, तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी (जील इन फिक्स पब्लिकेशन) व्यक्तिगत ग़ज़ल संग्रह: तुम भुलाये क्यों नहीं जाते तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें तेरा इंतज़ार आज भी है (नवीनतम) पाँच नए ग़ज़ल संग्रह प्रकाशनाधीन सम्मान एवं पुरस्कार साहित्यिक योगदान के लिए अनेक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त पाठकों का स्नेह, साहित्यिक मंचों से मान्यता मुश्ताक़ अहमद शाह जी का साहित्यिक और सामाजिक योगदान न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे हिंदी-उर्दू साहित्य जगत के लिए गर्व का विषय है। आपकी लेखनी ने समाज को संवेदनशीलता, प्रेम और मानवीय मूल्यों से जोड़ा है। आपके द्वारा रचित ग़ज़लें और कविताएँ आज भी पाठकों के मन को छूती हैं और साहित्य को नई दिशा देती हैं।