कविता

रिश्ते और पौधे

बीज बोते हैं हम,
स्नेह की मिट्टी में जड़ें,
नम्रता खिलती।

पानी की बूँदें,
विश्वास की छाया देतीं,
जिंदगी सजती।

धूप की गर्मी में,
सहनशीलता बढ़ती,
मजबूती मिलती।

छोटे अंकुर भी,
सच्चाई से पोषित हों,
फूल बन जाते।

मिट्टी की खुशबू में,
सहनशीलता की ताकत,
संबंध फलते।

पतझड़ का मौसम,
रिश्तों की परीक्षा ले,
जड़ें गहरी हों।

हर डाल पर प्रेम,
मिट्टी में ईमानदारी,
फल मीठा बने।

पक्षियों की चहचह,
स्नेह का संगीत सुन,
मन खिल उठे।

सर्द हवा में भी,
धैर्य की हरी पत्तियाँ,
उम्मीद जगाएँ।

समय की नमी में,
सच्चाई से सिंचित रिश्ते,
फूलों जैसे खिले।

हर जड़ में विश्वास,
हर पत्ती में आदर भरा,
संबंध स्थायी।

सहेजना इन्हें हम,
प्रेम और समझ से पाले,
जीवन महके।

— डॉ. अशोक

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - ashokelection2015@gmail.com