कविता

बदलेंगे सितारे मेरे भी

बदलेंगे सितारे मेरे भी,
हम भी सफल हो जाएँगे एकदिन ।

बीच राहों में खड़े हैं,
ढूँढेंगे तो मंज़िल मिल जाएगी,
बदलेंगे ग्रह – नक्षत्र मेरे भी,
हम भी सफल हो जाएँगे एकदिन।

मन में आशाओं के दीपक जले ,
आँखों मे उम्मीद की किरण दिखें ,
धीरे – धीरे कदम आगे बढ़ातें चलें,
बदलेंगे हालात मेरे भी,
हम भी सफल हो जाएँगे एकदिन।

अब तो रिश्तें बस नाम के हैं ,
चंद कागज़ के टुकड़ों के लिए ,
टूट गई दोस्ती मेरी भी ,
हम भी सफल हो जाएँगे एकदिन ।

चुनौतियाँ भी कम नहीं है,
नई दिशाएंँ , नये मार्ग पर है चलना,
पर , हौसलें मेरे अडिग हैं,
एकदिन मंजिल भी मिल जाएगी,
हम भी सफल हो जाएँगे एकदिन।

हम रुकेंगे नहीं , हम थकेंगे नहीं,
आत्मसम्मान है, हम झुकेंगे नहीं,
यह समय भी बदल जाएगा ,
छँट जाएँगे सब घने अँधेरे भी ,
हम भी सफल हो जाएँगे एकदिन।

— चेतना सिंह (चेतना प्रकाश चितेरी)

चेतना सिंह 'चितेरी'

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