गीतिका/ग़ज़ल

मेरा सफरनामा भाग 2

जिंदगी के हर एक पहलू जब सजाए,
वाह-वाही का तांता हर ओर से पाए।।

ऐसा नहीं हुआ हर बार संग मेरे यारों,
बहुत पाठक कभी हंसाए कभी रुलाए।।

वर्णों शब्दों की आग में खुद को तपाए,
तपा-तपा के कलम को बहुत सुलगाए।।

सुलगी जब कलम बेइंतहा तब जाकर,
शब्दों में लिख अपनी हर व्यथा सुनाए।।

यूंही सबको पसंद ना करें पाठक पढ़ना,
पढ़ लेखक को ध्यान से दिल से लगाए।।

जिनके शब्द संजिदा, हकीकत से भरे हुए,
आग से उबलते पाठक को बहुत ही भाए।।

कहती वीना यूंही नहीं बनी वीना से तन्वी
आठ वर्ष कड़ी मेहनत से डॉ उपाधि पाए।।

— डॉ वीना तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित