टोंटी चोरवा को लगती है मिर्ची
मंदिरों को तोड़ा,नहीं छोड़ा कभी हिंदुओं को
उनका खल बार-बार बनता बावर्ची
सनातन की आस्था से खिलवाड़ करता है
यूं बक रहा है जैसे बकते हैं ठरकी
सैफई नचनियों पे अरबों लुटाने वाला
दीप उत्सव को बता रहा फिजूलखर्ची ।
सनातनी जब-जब करते हैं धर्म-कर्म
तब टोंटी चोरवा को लगती है मिर्ची
— सुरेश मिश्र
