दीपोत्सव
दीपोत्सव की मंगल घडियाँ।
दमके तारे आँगन गलियाँ।
दीप पुष्प-मालायें शोभित।
रंगोली से अंतस मोहित।।
लाल गुलाबी फूल पिरोएँ।
घर-घर वंदनवार सजाएँ।
मन आँगन इतराये खुशियाँ।
पक्षी चहके, महके कलियाँ।।
पर्व दिवाली वैभव लाएँ।
हर्ष पुलक रुमझुम बरसाएँ।
प्रेम-दीप घर-घर प्रकटाएँ।
आनंदोत्सव सुखद मनाएँ।।
दीपोत्सव उजियारा लाएँ।
अग-जग आलोकित हो जाएँ।
प्रेम-पर्व उत्सव है प्यारा।
संस्कृति सौरभ सोहन न्यारा।।
