जितेंद्र कबीर के मुक्तक-पोस्टर्स- 8
हमने आपसे कहा था, कि आप जितेंद्र भाई से कोई सवाल पूछना चाहें, तो पूछ सकते हैं. सुदर्शन भाई ने
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Read Moreतोते आए पांच, दिखा रहे थे नाच, बोला तोता एक, हमें देश पर नाज. तोते आए पांच, दिखा रहे थे
Read Moreबंदर ने खोला धंधा, धंधा हो गया मंदा, बर्फी समोसे चाट-पापड़ी, का खोला था उसने धंधा. फिर हथियार खरीदे उसने,
Read Moreहोली रंगों का त्यौहार, सजीली खुशियों का त्यौहार, लाल-गुलाबी-नीला-पीला रंगों की ले आया बहार. फागुन का महीना आया, खुशियों की
Read Moreकार में बैठी सरला यों तो पोती सुमेधा की शादी में जा रही थी, पर कार के आगे-आगे दौड़ते जाने
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