कविता

कण कण में प्रभु

प्रभु तुम कण कण में हो धरती हो या आकाशमनुष्य हो या जानवरपेड़ पौधे फूल पत्तियों मेंहै तेरा निवास।सजीव हो निर्जीव होछोटा हो या बडा़कीड़ मकोड़े, कीट पतंगे या पत्थर की मूर्ति होइस जहाँ के हर कण में प्रभु तेरा वास।धर्मी हो या अधर्मीचोर हो या चांडालबिना भेदभाव का सबसेरखते सम व्यवहार।बस!महसूस करने कीजरूरत है,रह […]

लघुकथा

पत्र

मेरे जीवन साथी हृदय की गहराईयों में तुम्हारे अहसास की खुशबू समेटे आखिरकार अपनी बात कहने का प्रयास कर रहा हूँ।यह सही है कि मुझे गुस्सा कुछ अधिक ही आता है,मैं समझता भी हू्ँ, पर क्या करूँ तुम साथ होती तो शायद कुछ बदलाव हो भी जाता ,पर ये नापाक पाक के समझ में कहाँ […]

कविता

सत्ता का नशा

सत्ता का नशा जब सिर चढ़कर बोलता है, तब इंसान शैतान सा हो जाता है खुद को भगवान समझने लगता है। बिना नीति अनीति के भेद के अन्याय पर उतर आता है, धमकी देता है और अपने पालतू गुण्डों को बेलगाम छोड़ देता है। अपने हर आदेश को खुदाई फरमान बना देता है, तभी तो […]

कविता

अध्यक्षीय भाषण

हिन्दी दिवस आयोजन कअध्यक्ष महोदय ने अपने भाषण मेंकुछ यूं कहा संजीदगी सेकि मैनें अपने बालनोच लिए बेचारगी सेमैं आपका हिन्दी डे कार्यक्रम मेंवेलकम है,हिन्दी लबली लैंग्वेज है,इसका सभी को आनर करना चाहिए,हिन्दी का खूब एडवरटीजमेंट होहिन्दी का यूज बढ़ेसभी को इसका इंपार्टेंसजब तक फील नहीं होगाहिन्दी का ग्रोतब तक नहीं होगा।इसलिए माई फ्रेंडसबको मिलकर […]

सामाजिक

दरकते रिश्ते

आज रिश्तों की नींव पैसों की चमक से दरकती जा रही है।अब तो नौ माह कोख में रखने वाली मां भी अपनी औलाद को पैसों के हिसाब से ही अपनत्व देने लगीं है।हर रिश्तों के बीच पैसे की चमक ने दरार पैदा कर दी है।माना की सभी ऐसे नहीं हैं पर अफसोस कि बहुतायत में […]

भाषा-साहित्य

हिन्दी के प्रति

हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है।संस्कृत के बाद विश्व की सबसे प्रतिष्ठित भाषा है।वैसे तो पूरे देश में इसका प्रचार प्रसार है।लेकिन राष्ट्रभाषा के रूप मे हिन्दी को जो गौरव मिलना चाहिए, वह हम नहीं दिला सकें है।इसीलिए तो हमें हिन्दी दिवस के अतिरिक्त हिन्दी सप्ताह, पखवाड़ा भी मनाना पड़ रहा है।दुर्भाग्य यह है कि हिन्दी की […]

क्षणिका

हिन्दी

        (1) हमारे देश में उल्टी गंगा खूब बहती है, हिन्दी दिवस की शुरूआत अंग्रेजी में उदबोधन के साथ होती है। (2) विद्यालय में हिन्दी दिवस भी बहुत उत्साह से मनाते हैं, हिन्दी दिवस पर भाषण प्रतियोगिता अंग्रेजी में कराते हैं। — सुधीर श्रीवास्तव