सरदार पटेल के प्रति
अदम्य शक्ति देशभक्ति सौम्यता का मेल था जो राष्ट्र के लिये जिया वो नाम एक पटेल था सरल स्वभाव था
Read Moreअदम्य शक्ति देशभक्ति सौम्यता का मेल था जो राष्ट्र के लिये जिया वो नाम एक पटेल था सरल स्वभाव था
Read Moreकितने दिनों बाद दिखे तुम ,कहां थे तुम न कोई खत न कोई खबर कही और तय कर रहे थे
Read Moreअकड़ दीप की देख के मैंने, प्रश्न एक जब उससे पूछा- “किस कारण तू झूम रहा है, किए हुए सिर
Read Moreदिलो में बसे बचपन के यार लौटा दो माँ का प्यार पिता का दुलार लौटा दो बाल्यकाल की वो मस्ती
Read Moreअब तो गिरिवर दरशन, चित हमारौ मनवा हरसत विहरत, हरि निहारौ। पहुना सम दिखत सबहिं, पग पखारौ हम सेवक तुम
Read Moreमैं साहित्य का नन्हा सा कुकुरमुत्ता कवयित्री हूँ मुझे पेड़ बनते देर ना लगेगी पर शेष बचूँगी तक ना! चाटुकारता
Read Moreझटकूँ जब अपनी ही जुल्फों को भीगीं बूँदे जब इधर उधर उड़ती हुई करती जब स्पर्श मुझे! कुछ चेहरे को
Read Moreजब मैं छोटी थी बच्ची थी चोक से सिलेट पर लिखा करती थी कभी पेंसिल से लिख रब़र से मिटाया
Read Moreये पीड़ा वो पीड़ा जाने कितनी पीड़ाओं में व्यक्तित्व दबा है! देह पीड़ा में रोगों की छाया से शरीर कुंद
Read Moreएक ज़माना था चिट्ठियाँ ख़ुशियों का सबब बनती थीं दुखों के पहाड़ भी टूट पड़ते थे पत्र पढ़कर संदेसा देस
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