चेहरा
बहुत चीखा ,बहुत चिल्लाया कोशिश करता रहा, कभी रह ना पाया अब क्या करूं समझ से परे दिखता मुझे
Read Moreपतझड़ सी तू लगती है ये जिन्दगी। हर दिन जिन्दगी तेरा एक पत्ता टूट रहा। तेरे संग चलकर एक एक
Read Moreमुश्किलें लाख सही डगर कठिन ही सही आसान भले ना हो चलना लेकिन चलना पडेगा ही दर्द भी होगा, ज़ख्म
Read Moreजीने की उम्मीद में क्यों चाक दामन करते हो हर दिन क्यों रोते हो उम्मीदें हजार करते हो मायूसी से
Read Moreमेरे जीवन के हसीन पन्नों पे रंग बिरंगे स्याहियों की सौगात हो तुम….. जो मिट न सके कभी दिल की
Read Moreशरद पूर्णिमा की शरद रात थी चमक चांदनी छिटकी हुई थी । कनक किरणों के मोह जाल में वियोगी वसुधा
Read Moreमैं कारक जीवन उत्पत्ति का विद्युत का विस्तृत स्रोत हूँ । जलधि, नीरधि वारिधि बनकर मानव संस्कृति का मैं देव
Read Moreमैंने तो अभी जन्म भी नही लिया तो घरवालो ने लड़का नही लड़की हुई है माँ को ये बोल कर
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