मानसून: यादों का गुलदस्ता
मानसून से याद आता है वो मेरा पुराना बस्ता वो गड्ढों का जमा पानी वो बारिश तूफानी वो छाता मजबूत
Read Moreमानसून से याद आता है वो मेरा पुराना बस्ता वो गड्ढों का जमा पानी वो बारिश तूफानी वो छाता मजबूत
Read Moreदिलो दिमाग के खोल किवाड़ सुनो तो ईश्वर की आह कभी सूखा कभी बाड़ कभी भूकंप कभी महामारी कभी सोनामी
Read Moreकिताबें कुछ कहना चाहती हैं | किताबों में चिड़ियाँ चहचहाती हैं | किताबों में खेतियाँ लहलहाती हैं | किताबों में
Read Moreअब से लिखना बंद करूंगा…! लफ़्ज में दिखना बंद करूंगा…!! तुमने खरीदे लफ़्ज मेरे, हो गए सारे जज्ब़ मेरे, अब
Read Moreआँखों में जो सपने थे सपनों में जो सूरत थी नजरें जब मिली उनसे बिलकुल बैसी मूरत थी जब
Read Moreबार बार ये भूकंप आये बार बार मन घबराये ऐसी गोटी घुमाके प्रभू अपनी TRP बढाये हम तो ठहरे भले
Read Moreधरती के अन्दर उदगार उठा जिससे भू-पर्पटी हिलने लगा आपसमें शोर हुआ चारों ओर अफरा – तफरी मचने लगा लोग
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