भ्रम ”नारी निकेतन” की संचालिका के सामने आज,एक ऐसी लड़की आई है ;जो यहाँ आकर भी यहाँ रहना नहीं चाहती है| ”नारी निकेतन” मे आम तौर पर परिवार,समाज और असामाजिक तत्वों द्वारा सतायी गयी औरते आती है| और अपना आगे का सारा जीवन नारी निकेतन के लोगो को अपना मान कर बिताने को मजबूर होती […]
कथा साहित्य
उपन्यास: उम्र (प्रथम कड़ी)
आकाश एक सुलझा हुआ शख्स था. उसके व्यापारिक मित्रों में उसकी अच्छी पैठ थी. पिछले साल जब उसने अपनी नयी प्लास्टिक फैक्ट्री की नींव रखी थी तब उसके नाम पर चार फक्ट्रियां हो गयी थी. अक्सर बड़े ख्वाबों को लेकर पैदा हुए लोग छोटे शहरों में ही जन्म लेते हैं, ये बात उनके अन्दर एक […]
उपन्यास : शान्तिदूत (बीसवीं कड़ी)
अब कृष्ण कौरवों के आक्रमण और उसके बाद की घटनाओं पर विचार करने लगे। ये घटनायें अधिक पुरानी भी नहीं थीं। इसलिए कृष्ण को विस्तार से सब बताया गया था। जब राजा विराट को कौरवों के आक्रमण का समाचार मिला, तो उनके हाथ-पैर फूल गये। वे अपनी शक्ति को जानते थे, कौरवों की विशाल सेना […]
हर कदम पर बंदिशें
जाड़ों का समय है सूरज के किरणों ने समुद्र की कोख में जाने का मन बना लिया है. धीरे धीरे वह अगले दिन फिर से आने का संकेत करती हुई चमक (रोशनी) निरंतर कम होती हुई, संतरी और नीले आसमान से गायब हो रही है. हरियाणा के गाँव सुकना के प्रधान के घर आज बड़ी […]
संस्मरण : हरितालिका तीज की याद
बिहार में भादो के शुक्लपक्ष के तृतीया को हरितालिका तीज मनाते हैं …. इस दिन महिलाएं निर्जल रहकर व्रत करती है …. इस व्रत का पूजन रात्रि भर चलता है … इस दौरान महिलाएं जागरण करती हैं और कथा-पूजन के साथ कीर्तन करती हैं …. पूजन दूसरे दिन सुबह समाप्त होता है तब महिलाएं अपना […]
संस्मरण : मोह क्षेत्रीयता का
Saturday, 17 December 2011…. बैंगलोर में “ 26th Indian Engineerning Congress “ में शामिल होने पुरे हिन्दुस्तान से Engineers और उनके परिवार , और T.C.S , Isro , malu group , Surya Construction , Consultancy Company etc के guset और Russia , Japan , Lanka , Nepal , korea etc. से delegate – guest आये […]
कहानी : बिन बेटियाँ कहाँ बढ़ेगी वंशबेल …
सावित्री अचानक चक्र खाकर गिर पड़ी ! धनपति भागकर बहु को उठाती है और डॉ को बुलाने को दौडती है ! घर के बाहर ही धनपति को इमरती देवी मिल जाती है जो की धनपति की अच्छी सहेली होने के साथ साथ दाई भी है ! गाँव में ऐसा कौन जिसने इमरती देवी के हाथो […]
कहानी : दोस्ती
रुकसाना और हेमा दोनों बहुत अच्छी दोस्त थी | दोनों की उम्र ही क्या थी, रुकसाना,दस साल की ,हेमा आठ साल की,पर दोनों मे गहरी दोस्ती थी | पिछले दो साल से, रुखसाना हेमा को ‘ईद, पर सेवइया खिलाती रही है | आज हेमा के घर पर ‘सत्यनारायण भगवान ‘ की कथा रखवाई है | सब […]
उपन्यास : शान्तिदूत (उन्नीसवीं कड़ी)
कृष्ण पांडवों के साथ अज्ञातवास में घटी घटनाओं पर विचार करने लगे। विराट नगर में पांडव किसी से अधिक सम्पर्क नहीं रखते थे और सामान्यरूप से अपना कार्य करते हुए दिन बिता रहे थे। अर्जुन तो वृहन्नला के रूप में सैरंध्री बनी द्रोपदी को लगभग हर दूसरे-तीसरे दिन देखते रहते थे और कभी कभी उनको […]
पछतावा
आज पूरी कोलोनी मे आरती का नाम ही सबकी जुबान पर था | पूरी कोलोनी मे आरती ही आरती छाई हुई थी | जैसे सबको टाइम पास का अच्छा-खासा मसाला मिल गया हो | बहुत दिनों से लोग आपस मे काना-फूसी कर रहे थे,पर आज तो ये बात आरती और उसके पति निशांत के कानो […]