संस्मरण : लगन
मैं दोपहर में नहीं सोती, क्यों कि सोने के लिए रात काफी होती है! अगर कभी मैं दिन में सो
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Read Moreबहादर और लड्डा यानी बहादर का छोटा भाई हरमिंदर कभी कभी शनिवार या रविवार को आते ही रहते थे. क्यूंकि
Read Moreनशे में धुत लड़खड़ाते मित्र को सहारा देकर घर छोड़ने आये सुनील ने याद दिलाया, “देखो जगपाल तुम्हें कितनी बार
Read Moreपहला दिन हमारा कामयाब रहा था. बस को चलाने का कुछ आइडिया हो गिया था. दुसरे दिन मैंने डिपो से
Read Moreयह मेरी पहली नौकरी है. नौकरी के साथ साथ ६ महीने की इंटर्नशिप करनी है. मेरे साथ दस बारह लडकियां
Read Moreमाता पिता के साथ जा रही एक छह सात वर्ष की लड़की का अचानक पांव फिसला और गहरी खाई में
Read More‘आया रे …आया रे खिलोने वाला खेल खिलोने ले के आया रे …खिलोने ले लो भाई खिलोने ले लो ,
Read Moreआप मानें या ना मानें, काले-गोरे का विचार सबसे ज्यादा हम भारतीयों को ही परेशान करता है, खासकर जब बेटियों
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