लघुकथा : खिलाड़ी
एक शख्स घुस खाता हैं। बदनाम हैं। सौ पचास रूपये से ही संतुष्ट रहता हैं। दुसरा शख्स दफ़तर में नया-नया
Read Moreएक शख्स घुस खाता हैं। बदनाम हैं। सौ पचास रूपये से ही संतुष्ट रहता हैं। दुसरा शख्स दफ़तर में नया-नया
Read More“अजी सुनते हो पास ही झोपड़पट्टियों में रात बहुत नुकसान हुआ है आग लगने से,दूर दूर से लोग सहायता करने
Read Moreवंदना का आज का दिन भी अन्य दिनों की भांति आरंभ हुआ था किंतु खास था. आज उसकी तपस्या फलित
Read Moreपंडाल खचाखच भरा था. आचार्य जी भागवत कथा कह रहे थे. कथा के बीच में ज्ञान से भरी बातें भी
Read Moreराहुल बहुत परेशान था. यहाँ भी कोई बात नही बन पाई. कितने सपने लेकर मुंबई आया था. सोंचा था फिल्म
Read More“बेटे की शादी हुए महीनें से ऊपर हो गए थे पर बहू कभी मेरे साथ बैठी ही न| न ही
Read Moreएक मोटे बिल्ले को देखकर चूहे भागने लगे। बिल्ले ने उन्हें रुकने का आग्रह करते हुए कहा, ” रुकिए -रुकिए,
Read Moreमंत्री के आलीशान बंगले का खूबसूरत बाग। एक नन्हे पौधे ने बगल के साथी से पूछा-‘यहां आसपास कोई जंगल भी
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