लघुकथा- अनपढ़
वंदना का आज का दिन भी अन्य दिनों की भांति आरंभ हुआ था किंतु खास था. आज उसकी तपस्या फलित
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Read Moreपंडाल खचाखच भरा था. आचार्य जी भागवत कथा कह रहे थे. कथा के बीच में ज्ञान से भरी बातें भी
Read Moreराहुल बहुत परेशान था. यहाँ भी कोई बात नही बन पाई. कितने सपने लेकर मुंबई आया था. सोंचा था फिल्म
Read More“बेटे की शादी हुए महीनें से ऊपर हो गए थे पर बहू कभी मेरे साथ बैठी ही न| न ही
Read Moreएक मोटे बिल्ले को देखकर चूहे भागने लगे। बिल्ले ने उन्हें रुकने का आग्रह करते हुए कहा, ” रुकिए -रुकिए,
Read Moreमंत्री के आलीशान बंगले का खूबसूरत बाग। एक नन्हे पौधे ने बगल के साथी से पूछा-‘यहां आसपास कोई जंगल भी
Read Moreसड़क किनारे एक बच्चा जो दिखने में दुधमुँहा ही लग रहा था, वह बच्चा अपनी माँ की दूध को मुँह
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