असली मुस्कुराहट
सूरत और सीरत से सुंदर और खूबसूरत सुलेखा हर समय हंसती-मुस्कुराती रहती थी. वह एक स्कूल की कैंटीन चलाती थी.
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Read Moreजानी मानी समाज सेविका निर्मलाजी चाय की चुस्कियां ले रही थीं. उनका बारह साल का पोता बड़े उत्साह से समाचारपत्र
Read Moreसभी की घृणित निगाहें उसी टेबल पर टिक गई. “सभी इधर ही देख रहे है. भरी आँखे. टपकती लार, मुंह
Read Moreरमेश अपने परिवार के साथ हरिद्वार गये। घरवालों की इच्छा थी की हरिद्वार में गंगा स्नान किया जाये । अम्मा
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