गीतिका/ग़ज़ल छाया शुक्ला 02/09/201603/09/2016 गीतिका भावना भी धवल रही होगी | साधना तब ये फल रही होगी | कार्य कारण पता नहीं मुझको जिन्दगी आप Read More
गीतिका/ग़ज़ल *महातम मिश्र 02/09/2016 “गीतिका/गजल” मात्रा भार-26 घास पूस लिए बनते छप्पर छांव देखे हैं हाथ-हाथ बने साथ चाह निज गाँव देखे हैं गलियां पगडंडी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 02/09/201602/09/2016 ग़जल सबको वो देखता है, सब उसकी नज़र है, ना फिक्र करो लोगों, उसे सबकी फिकर है! मुश्किल बडी राहें मेरी, Read More
गीतिका/ग़ज़ल धर्म पाण्डेय 02/09/2016 ग़ज़ल मुहब्बत में नजाकत से मुझे पैगाम लिक्खा है सनम ने रेत पर उँगली से मेरा नाम लिक्खा है मुबारक Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/09/2016 ग़ज़ल दिल चाहता है कासिद जब लाए कोई पैगाम, लिखा हो तेरे हाथों से और बस हो मेरे नाम हम अलमस्त Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 01/09/201630/08/2016 ग़ज़ल कितना दुखा है दिल वो नादान क्या जाने क्या छीन लिया मेरा वो बेईमान क्या जाने। हम टुकड़े दर्द ए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 31/08/201630/08/2016 ग़ज़ल कितना चलूँ सम्हलकर किस्मत ये फिसल जाती है देखा कि देखते देखते तक़दीर बदल जाती है। जाने कैसी मजबूरी है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 30/08/201602/09/2016 गीतिका यहीं कहीं आसपास खड़ी है जिधर देखिये प्यास खड़ी है खोकर कुछ एहसास खड़ी है कितनी गमगीन प्यास खड़ी है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 30/08/2016 ग़ज़ल है कितनी तार तार इंसानियत मैं क्या बताऊँ इंसानियत जो तोले वो तराज़ू कहाँ से लाऊँ लज्जा नहीँ आती सुनो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *महातम मिश्र 30/08/2016 “गीतिका” शाम का पहर है चांदनी भी खिली होगी आ चलें समन्दर किनारों पे गलगली होगी वो लहर उफ़नकर चूमती जो Read More