उधर देखा , कभी ख़ुद की तरफ़ देखा नहीं मैंने
उधर देखा , कभी ख़ुद की तरफ़ देखा नहीं मैंने नफ़ा, नुक़सान क्या होगा कभी सोचा नहीं मैने। मुझे भी
Read Moreउधर देखा , कभी ख़ुद की तरफ़ देखा नहीं मैंने नफ़ा, नुक़सान क्या होगा कभी सोचा नहीं मैने। मुझे भी
Read Moreसुबह हुयी और बोर हो गए जीवन में अब सार नहीं है रिश्तें अपना मूल्य खो रहे अपनों में वो
Read Moreजीवन एक झमेला है सुंदर सपनो का मेला है !! जग जिसको न रोक सका बहते पानी का रेला है
Read Moreये मौसम आशिकाना हो गया है मुहब्बत का बहाना हो गया है ।।1।। जरा देखो निगाहों में हमारी किसी का
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