मुक्तक
कहता है मुझे भूल जाओ तंग न करो मुझको तुम छोड़ दो .मेरा संग न करो जिसके लिए छोड़ दिया
Read Moreअगला पिछला सोचकर मत कर तू संताप प्रभु चरणों में मन लगा कर ले हरि का जाप बीत गया जो
Read Moreपारिजात का पुष्प यह, खिली कली मुसकाय देवलोक की सुंदरता, निरखि हृदय ललचाय अति पवित्र अति सादगी, अति सुगंध आकार
Read Moreहमने तो अपने नगमो में दिल का सहज बयान लिखा कभी लिखी बेबस की पीड़ा और कभी तूफ़ान लिखा जात
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