ग़ज़ल – जवानी जो आई बचपन की हुड़दंगी चली गई
जवानी जो आई बचपन की हुड़दंगी चली गई दफ़्तरी से हुए वाबस्ता१ तो आवारगी चली गई शौक़ अब रहे न
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Read Moreमुझे अपना बना लो गोविंदा चरणों में बिठा लो गोविंदा- मुझे अपना बना लो गोविंदा———– तुम मुरली मधुर बजाते हो
Read Moreसाँवली सूरत नन्दलाल | सुंदर नैना बने बिसाल || अधरों पर बजती मुरली |
Read Moreजब भी संकट पड़ा हिंद पर , मुख से निकला जय श्री राम । जब भी कोई रावन जन्मा ,
Read Moreछंद – हरिगीतिका (मात्रिक) मुक्तक, मापनी – 2212 2212 2212 2212 फैले हुए आकाश में छाई हुई है बादरी। कुछ
Read Moreकुछ दिनों से ये दिल कुछ कहता है न सुनता है सुस्त सुस्त सी लेखनी किसी कोने से चुपचाप बाट
Read Moreआग नफ़रत की अब बुझानी है | प्यार की हर शमा जलानी है | प्यार से फूल जहाँ में खिलते
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