गज़ल
बात कुछ ना थी बवंडर हो गए, महल आलीशान खंडहर हो गए वक्त के हाथों बचा ना कोई भी, दफन
Read Moreये तो यथार्थ है एक दिन है मरना, तो फिर काहे का है मरने से डरना जीवन जियो बिंदास ना
Read Moreहिन्द का जगमग दीप है मोदी ! की मोती भरा ये शीप है मोदी !!१ अब राणा की तलवार है
Read Moreजान लेंगी मेरी आज ये हिचकियां याद आती रही वस्ल की मस्तियां रास आने लगी जब से तन्हाइयां फुसफुसाती रही
Read Moreझूले लुभा रहे हैं मन को , कहीं छिपी मनुहार है ! बाग बगीचे भरे पड़े हैं , अधर बसी
Read Moreआजादी को देश की, बीते कितने साल वीरों के बलिदान से, हुई धरा ये लाल हुई धरा ये लाल, दर्द
Read Moreकीजिए ना बात हमसे, तीर और तलवार की है बहुत ताक़त बड़ी, इस लेखनी की धार की। ज़ख़्म क्या नासूर
Read Moreआज़ादी की जंग जानो न सुगम थी आसानी से आनी हैं इसमें छुपी हमारी बीर बिरागनाओ की गाथा अदभुत सुननी
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