शिक़ायत पर शिक़ायत कर रहा है अभी भी वो मुहब्बत कर रहा है बड़ी मेहनत-मशक्कत कर रहा है वो ख़्वाबों
Read Moreअंतर्मन में घुल गया,विष बनकर आघात ! सुबहें गहरी हो गयीं,घायल है हर रात !! धुंआ हो गयी ज़िन्दगी,हुई ख़त्म
Read More” पाखण्ड ” भाव जगाना हमको आता , रंग जमाने में क्या जाता ! हाथ हमारे भले कुछ नही ,
Read More*_वो हुनर कहाँ से लाऊं,अब अपनी माँ कहाँ से लाऊं…….._* मिट्टी से आँगन लीपने का हुनर बस माँ को आता
Read Moreमेरे देश के युवा अब सही रास्तो को खो रहा है। देख के युवाओं की ये हालत,तिरंगा रो रहा है।।
Read Moreममता माँ की पावनी, छाया पिता दुलार। वंश बेल सम्यक प्रकृति, चर्चित बालक प्यार॥ चर्चित बालक प्यार, रार कब करते
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