इज़हार
आए थे पास जब वो, यूं प्यार को लिये। लफ़्जों में पिरोये हुये, इज़हार को लिये। हर वक्त का मनुहार,
Read Moreमै अपने गांव में रहा कि शहर में रहा। जज्बे ए इंसानियत मेरे जिगर में रहा। वो साहिबे मसनद कब
Read Moreआया सावन झूम के, लेकर तुनक मिज़ाज खोल दिया मौसम ने अपना छुपा हुआ सब राज भीग गई गोरी बीच
Read Moreसावन में साजन से मिलना अच्छा लगता है । मेहंदी और महावर से सजना अच्छा लगता है । ये चूड़ी
Read Moreहर कोई खुश हो रहा, ये सोचकर। हर किसी को खाना है, मुझको नोचकर।। भूख चाहे जैसी हो, इस इन्सान
Read Moreचलो शिवशंकर के द्वारे, कांवड़िया कांवड़ लाए हैं कांवड़िया कांवड़ लाए हैं, कांवड़िया कांवड़ लाए हैं- 1.शिव की जटा में
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