आज भी!
मुझे सचमुच आश्चर्य है कि उम्र के इस पड़ाव पर भी मेरी प्राथमिक्ताएं और मेरी पसंद हूबहू वही है। मुझे
Read Moreदूजे की बहन-बेटी के साथ करें हंसी-ठिठोली अपनी रखे छुपाय| हद तब होई जाय जब कोई फूहड़ता-पन पर उतर आय
Read Moreकुछ तो बात खास है इस ज़माने में मुसाफिर टिकता नहीं, आशियाने में दूल्हा बन बारात, सबने किया होगा आज
Read Moreपरिष्कृत कर लो अपने पुराने शब्दकोष को कोष से बाहर करो सब नकारात्मक शब्दों को “असमर्थ,अयोग्य हूँ” का सोच है
Read Moreदाँव लगाना, ऐसा भी क्या! खुद बिक जाना, ऐसा भी क्या! दुआ बुजुर्गों की धकियाकर देव मनाना, ऐसा भी
Read Moreमाँ क्यों कहती थी तुम? बाहर जाओ तो एक पुरुष के साथ जाओ पिता , पति, पुत्र या भाई मैं
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