श्मशान से सीखो
मौत की दहलीज पर खड़े वृद्ध ने कहा-अपने पुत्र से । तुम्हें देने को कुछ नहीं मेरे पास सदा रोटी
Read Moreमौत की दहलीज पर खड़े वृद्ध ने कहा-अपने पुत्र से । तुम्हें देने को कुछ नहीं मेरे पास सदा रोटी
Read Moreपत्नी ने झट से कहा लाओ सौतन एक , नहीं द्वेष मन मे मेरे रखो चाहे अनेक , रखो चाहे
Read Moreसुखमय जीवन जा रहा है, दुखमय जीवन आ रहा है महसूस ऐसा क्यों आज, पल-पल मुझको हो रहा है ।
Read Moreमैं नित प्रात:काल जितनी श्रद्धा से, मंदिर जाता हूँ, उतना ही मेरा अन्तर्मन खिल जाता है, जितना मैं प्रभु चरणों
Read Moreमीन मचली तपती रेत पर दशा थी माँ की . जैसे जैसे पढ रही हूँ सीख रही हूँ लिख रही
Read Moreजब से तुमसे मिली हूँ हर पल यही सोचती हूँ काश हो कोई जादू का पिटारा जो खोल दे मेरे
Read Moreमैं किताब हूँ, जग की सारी उत्सुकताओं का जवाब हूँ, मैं किताब हूँ। मानव की हर खोज-खबर का, ऊँची नीची
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