क्या है जिंदगी !
कभी समंदर उठते सैलाबों का, कभी एक ज़लज़ला ,कभी आग से जलते हुए सहरा सी है यह ज़िंदगी, फिर भी
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Read More[पारिवारिक यथार्त हास्य ] पति बोला पत्नी से बड़ी उम्र है तेरी / याद अभी मै कर रहा मिस काल
Read Moreशादी बर्बादी होती है मुरख है जो यह कहते है शादी से तो घर घर होता है वर्ना चिड़िया घर
Read Moreकल फिर किसी ने ,दुखती रगों पर हाथ रख गया ,,,,,, शांत सी पड़ी झील में, फिर कोई तूफान मचलने
Read Moreआदमियत क्यों हर बार भारी पड़ जाती है औरत क्यों हर बार दबी-कुचली बनी रह जाती है| औरत क्यों ताकतवर
Read Moreमुझे ऐसा लगा आपका चेहरा उदास है कहाँ खोये रहती हैं लगाईं क्या आश हैं जब मैं चला अपने आशियाना
Read Moreचोरी-घोटालों में होते हैं बड़े निडर ऐसे महान होते हैं भारत के लीडर आजाद देश के नेता हैं उनकी नहीं
Read Moreगुजरा कल उदासी भरा था तय कर रही थी सूनी रहें बिना किसी अनुभूतियों के—- पता नहीं तुम कब शामिल
Read Moreझकझोरता चित चोरता, प्रति प्राण प्रण को तोलता; रख तटस्थित थिरकित चकित, सृष्टि सरोवर सरसता । संयम रखे यम के
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