बालोपयोगी लेख

महापुरुषों के जन्म का यह सप्ताह

2020 अब विदाई बेला में है, नववर्ष 2021 के अभिनंदन का थोड़े दिन ही शेष रह गए हैं । ऐसे में जारी सप्ताह कई महापुरुषों के जन्मदिवस होने के साक्ष्य लिए हैं। तिथि 20 दिसम्बर को संतमत सत्संग के आचार्य रहे महर्षि संतसेवी परमहंस की जयंती रही। तो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, सिख धर्म के […]

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मेहँदी लगी मेरे हाथ से

रावलपिंडी में जन्म, फिर भारत विभाजन के बाद लखनऊ आकर बस गए आनंद बख्शी ने 600 से अधिक फिल्मों के लिए 4,000 से अधिक गाने लिखे ! सभी एक से बढ़कर एक । आश्चर्य की बात है, वे 40 बार फ़िल्म फेयर पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुए, किन्तु 4 बार ही प्राप्त हुए ! सन1958 […]

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महान विदूषक

हॉलीवुड के मूक फिल्मों के विदूषक चार्ली चैपलिन को हिंदी में आवाज और अभिनय दिया– श्रीमान राज कपूर ने। ‘मेरा नाम जोकर’ का जोकर की भूमिका में राज कपूर ने बिल्कुल ही चार्ली को जिया है । राज कपूर के पोते रणवीर कपूर ने इसे ‘बर्फी’ में जिया है । वॉलीवुड में अभिनेत्रियों ने भी […]

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किस्सा कुँअर सिंह के

उनके किस्से बच्चे या जवान क्या, वृद्धों में भी शक्ति और ऊर्जा का नवसंचार कर दे तथा उनमें स्फूर्ति भर दे ! आज़ादी के ऐसे दीवाने, भारत और बिहार के ऐसे जमींदार, जो अंग्रेजों के विरुद्ध 80 वर्ष की अवस्था में भी ज़मींदारी त्यागते हुए अपनी माटी के रक्षार्थ ‘हल्ला बोल’ दिए, ऐसे अमर सेनानी […]

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महान गणितज्ञ

सम्पूर्ण संसार के गणितज्ञ और थोड़े-बहुत गणित के जानकार भी ‘अभाज्य संख्या’ व प्राइम नंबर्स ज्ञात करने के नाम से परेशान और आक्रान्त रहा है । भारत ‘संख्या-सिद्धांत’ व नम्बर थ्योरी के मामले में अद्भुत जानकार देश रहा है । महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन ने 33 वर्षीय अल्प-जीवन में ही ‘संख्याओं’ पर प्रमेय दिए, […]

बालोपयोगी लेख

शहनाई अब कहाँ ?

शादी-समारोहों में सुनाई नहीं पड़ती शहनाई ! उच्च ध्वनि तीव्रता वाले डी.जे. और इसके धुन पर थिरकते बाराती और सराती, जिनकी आवाज किसी कमजोर घर को गिरा दे और किसी बुजुर्ग के मौत का कारण बन जाय । आज इस डी.जे. का मतलब ‘डेथ जर्नी’ (मृत्यु यात्रा) हो गया है । शादी-समाराहों में टेबल की […]

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समय से घर पहुँच जाना चाहिए

हमारे घर पापा मम्मी कालेज भेजते हैं तो हमें भी डर लगता है। अपने पापा मम्मी को छोड़कर जाना हमको अच्छा नहीं लगता। भीड़ में कोई गुंडा हमको मार न डाले और हमें नुकसान न पहुँचा दे, हमको इसका डर लगता है। हमें अपने पापा मम्मी को छोड़कर नहीं जाना चाहिए। जाना है तो अपने […]

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म बालोपयोगी लेख सामाजिक

सेवा परमो धर्मः सूत्र-वाक्य की परीक्षा

ओ३म् हमारे देश में कुछ वाक्य व सूत्र प्रचलित हो गये हैं जिनमें से एक सूत्र वाक्य है ‘सेवा परमो धर्मः’। इसका अर्थ सभी जानते हैं। इसके आधार पर सेवा ही परम धर्म है। पता नहीं यह शब्द व वाक्य कहां से आया है? यह वेद वाक्य तो कदापि नहीं हो सकता और न ही […]

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स्कूल की छुट्टी

लो स्कूल की छुट्टी हुई अब घर जाएंगे। बहुत तेज भूख लगी है जो मम्मी ने बनाया वही खा लेंगे। टी वि का रिमोट मम्मी से छीन कर कार्टून फिल्म देखेंगे। कुछ देर रेस्ट कर के स्कूल से मिला होमवर्क पूरा कर लेगे। स्कूल की मैडम से मिले गुड स्टार को मम्मी को बताएंगे। मैडम […]

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पेड़ की आत्मकथा

मैं एक पेड़ हूं. मगर, आत्मनिर्भर पेड़ हूं. अपना भोजन स्वयं बनाता हूं. क्या आप जानना चाहते हो कि यह कार्य मैं किस तरह करता हूं ? हां. तो चलिए, मैं बताता हूं. मैं किस तरह काम करता हूं. मेरे अंदर एक भोजन बनाने का कारखाना है. इस कारखाने का नाम हरितलवक है. यह कारखाना […]