बालकविता : चलो प्रकृति की ओर
हरदम घर में कंप्यूटर पर करते रहते काम। चैटिंग, सर्फिंग और टाइपिंग वही सुबह से शाम। निकलो घर से खुली
Read Moreहरदम घर में कंप्यूटर पर करते रहते काम। चैटिंग, सर्फिंग और टाइपिंग वही सुबह से शाम। निकलो घर से खुली
Read Moreइंतज़ार हर साल तुम्हारा, सेंटा क्लॉज है लगता प्यारा। सुन्दर लाल चमकता चोंगा, श्वेत वर्फ़ सी प्यारी दाढ़ी। उपहारों की
Read Moreआओ मिलकर कुछ काम करें छुट्टी के दिन साथ रहे शरीर में आयें आलस्य को काम कर इसे दुर भगायें
Read Moreआ गयी दीपावली देखो रौशनी का त्योहार, चलो दीप जलाके मिटा दें दुनिया का अंधकार। आज खिलौने खरिदेंगे हम छोड़ेंगे
Read Moreपिछले रविवार को चुन्नु-मुन्नू बिट्टू के घर गए, बिट्टू की साइकिल को देख उनके सपने भर गए, चुन्नु मुन्नू से
Read Moreआया दुर्गा पूजा का त्योहार चारो तरफ मॉ का जयकार हर मॉ के मंदिर में लगती है भक्तों की कतार
Read Moreआपस में खेले ऑख मिचौली तारों के संग छुपा -छुपी चॉद के संग दौडा-दौडी शोर मचाएँ होड मचाए करते आपस
Read Moreआम मेरे घर में पेड़ आम के ठंडी हवा बिखेरे शाम से। आम पके हैं डाली डाली उस पर कोयल
Read Moreतितली तितली रानी तितली रानी बगिया की तुम हो महरानी। रंग बिरंगे पंख तुम्हारे देख उन्हें होती हैरानी। पवन संग
Read Moreसूरज पूरब की खिड़की से झांका लाल लाल सूरज का गोला । हुआ सवेरा आंखे खोलो चिड़िया बोली मुर्गा
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