बाल कविता : अपनी माटी
अपनी माटी अपनी माटी हमें है अपनी जान से प्यारी इसके लिये कुछ भी कर जायेंगे अपनी जान भी दे
Read Moreअपनी माटी अपनी माटी हमें है अपनी जान से प्यारी इसके लिये कुछ भी कर जायेंगे अपनी जान भी दे
Read Moreकान पकड़कर चढ़े नाक पर रोब जमाते चश्मे जी दादा जी की आँखें बनकर , राह दिखाते चश्मे जी छपा
Read Moreहरदम घर में कंप्यूटर पर करते रहते काम। चैटिंग, सर्फिंग और टाइपिंग वही सुबह से शाम। निकलो घर से खुली
Read More१. नया साल नया साल आनेवाला पिकनिक हमको जाना है मम्मी-पापा से बोला करना नहीं बहाना है चिड़ियाघर को जाएँगे
Read Moreइंतज़ार हर साल तुम्हारा, सेंटा क्लॉज है लगता प्यारा। सुन्दर लाल चमकता चोंगा, श्वेत वर्फ़ सी प्यारी दाढ़ी। उपहारों की
Read Moreआओ मिलकर कुछ काम करें छुट्टी के दिन साथ रहे शरीर में आयें आलस्य को काम कर इसे दुर भगायें
Read Moreआ गयी दीपावली देखो रौशनी का त्योहार, चलो दीप जलाके मिटा दें दुनिया का अंधकार। आज खिलौने खरिदेंगे हम छोड़ेंगे
Read More(1) चावल-दाल टेस्टी-टेस्टी चावल-दाल संग रायता करे कमाल खा जाता मैं पूरा प्लेट हँसता भरकर मेरा पेट (2) रोटी-सब्जी रोटी-सब्जी अच्छी
Read Moreपिछले रविवार को चुन्नु-मुन्नू बिट्टू के घर गए, बिट्टू की साइकिल को देख उनके सपने भर गए, चुन्नु मुन्नू से
Read Moreआया दुर्गा पूजा का त्योहार चारो तरफ मॉ का जयकार हर मॉ के मंदिर में लगती है भक्तों की कतार
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