कल रात दिल्ली आज तक पर खबर दिखाई जा रही थी जिसमे बच्चो की तस्करी के विषय में दिखाया जा रहा था। इस खबर को देख कर कोई भी संवेदनशील इन्सान जरुर विचलित हो सकता है । खबर के अनुसार पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेसन से पुलिस ने 72 मासूम बच्चो को मानव तस्करों के चंगुल […]
सामाजिक
‘लव जेहाद’ क्या है?
‘लव’ का सामान्य अर्थ ‘प्रेम’ तो सभी समझते हैं, पर’प्रेम’ शब्द बड़ा व्यापक है। प्रेम के बल पर ईश्वर को भी विवश कर देने उदाहरणों से हमारे धार्मिक आख्यान भरे पड़े हैं। ‘लव’ शब्द से इस स्तर केप्रेम का बोध नहीं होता; ‘लव’ शब्द सामान्य अर्थों में दो विपरीत लिंगीमनुष्यों के बीच शारीरिक आकर्षण आरम्भ […]
माँ के लिए………
माँ …के लिए —— ” माँ, ईश्वर की सबसे श्रेष्ठ रचना है | हम जब भी अपनी माँ को पुकारते है तो वाणी में श्रद्धा और कृतज्ञता भर जाती है | माँ पुकार सुन कर तुरंत हमे अपने स्नेहांचल में छुपा लेती है| माँ की महिमा अपार है| जब हम दुःख में होते है तो […]
आमिर खान का नया पोस्टर : अश्लीलता की पराकाष्ठा
भारतीय सिनेमा जगत को दो सौ करोड़ के क्लब तक पहुंचाने वाले लोकप्रिय फिल्म अभिनेता आमिर खान की नयी फिल्म पीके के नये पोस्टर से ही देश में तहलका मच गया है। आमिर खान के इस नये नंगे पोस्टर पर पूरे देश भर में समाज के हर वर्ग में गर्मागर्म चटखारों के साथ चर्चायें की […]
“सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” -डा.दीपक चोपड़ा
जीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है। ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटर फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलता के […]
इंसान ऐसा भी कर सकता है !
एक इंसान होने के नाते लखनऊ की अति ह्रदय विदारक घटना से इतना शर्मसार हूँ कि अब इस नतीजे पर पहुँचने पर मजबूर हूँ कि कोई इंसान ऐसा भी कर सकता है ? जी, बिलकुल कर सकता है ! एक पुरुष केवल औरत के साथ ही नहीं बल्कि एक पुरुष दुसरे पुरुष के साथ भी […]
कुलदीपक बेटी क्यों नहीं-
जिस घर में जन्म लिया उसी घर में बेटियों का कोई महत्व नहीं होता है| माना आधुनिक युग में पढ़ाते-लिखाते हैं | उसे भी अपने पैरों पर खड़ा होने लायक बनाते हैं | परन्तु कुलदीपक की बात आती है तो बेटे ही आगे होते हैं | बेटियों का तो अपने ही घर में कोई भी […]
प्रकृति की सीख
बाज लगभग ७० वर्ष जीता है, पर अपने जीवन के ४०वें वर्ष में आते आते उसे एक महत्वपूर्ण निर्णय लेना पड़ता है। उस अवस्था में उसके शरीर के तीन प्रमुख अंग निष्प्रभावी होने लगते हैं। पंजे लम्बे और लचीले हो जाते है और शिकार पर पकड़ बनाने में अक्षम होने लगते हैं। चोंच आगे की […]
मैं आस्तिक क्यों हूँ? (भाग – ५)
सर्वव्यापक एवं निराकार ईश्वर में विश्वास से पापों से मुक्ति मिलती हैं। एक उदहारण लीजिये एक बार एक गुरु के तीन शिष्य थे। गुरु ने अपने तीनों शिष्यों को एक एक कबूतर देते हुए कहा की इन कबूतरों को वहा पर मारना जहाँ पर आपको कोई भी न देख रहा हो। प्रथम शिष्य ने एक […]
ऐ मेरे वतन के लोगो…..!
कल दुकान में सी.एफ.एल बल्ब लेने गया था। दुकानदार ने उसकी कीमत मात्र पच्चीस रूपये बतायी तो आश्चर्य हुआ कि इस महँगाई में सौ रूपये की चीज़ पच्चीस रूपये में! कारण पूछने पर वह बोला- भाई साहब, यह ‘चायना मेड’ है इसलिए पच्चीस रूपये का है। मैंने पूछा इसकी कोई गारंटी तो जवाब मिला- ‘कोेई […]