हास्य व्यंग्य

बस पाकिस्तान चले जाइये

उस दिन हमने अपने परम शत्रु अंसारी मियाँ की तरफ दोस्ती का हाथ बढाया. “मियाँ, अब हम पक्के दोस्त हो सकते हैं. आप बस समझौता एक्सप्रेस में बैठकर पाकिस्तान चले जाइये। आप वहाँँ जाएंगे न, तो मैं उसमें बैठकर आपसे मिलने आऊँगा, फिर हम वहीं कहीं चौराहे की टपरी पर चाय पिएंगे। दुनिया देखेगी आपकी […]

हास्य व्यंग्य

खट्ठा-मीठा : पुल कहाँ बनेगा?

‘पुल यहीं बनेगाऽऽ!’ बरसाती नदी के एक किनारे पर खड़े लोगों के एक समूह के नेता ने नारा लगाया। ‘यहीं बनेगा, यहीं बनेगा’ उस समूह के लोगों ने उसका समर्थन किया। ‘पुल वहाँ बनेगाऽऽ!’ दूसरे समूह के नेता ने जबाबी नारा लगाया। ‘वहाँ बनेगा, वहाँ बनेगा’ उस समूह के लोगों ने उसका समर्थन किया। दोनों […]

हास्य व्यंग्य

महिमा डी जे की

ऐसे नाच रहे जैसे बिच्छू सबके काट रहे। ऐसे गाय रहे जैसे, चोरी करके भाग रहे।। सदाबहार गीतों को डी जे ने बर्बाद ही कर डाला मीठे रागों का अभाव, खरहा धुन सुनाय रहे। नागिन पर डांस ऐसे होते, जैसे मिर्गी के मरीज- गया नशा बोतल का जब, वो देख कर शमार्य रहे।। नीली, पीली […]

हास्य व्यंग्य

थूकिये…मगर ज़रा संभल के!

  थूक, हमारी नितांत व्यक्तिगत संपत्ति है। और थूकना हमारा राष्ट्रीय धर्म और चरित्र। वह व्यक्ति कतई भारतीय नहीं हो सकता, जो थूकता न हो। अपितु मेरी यह राय है कि हमारे देश के संविधान में संशोधन कर यह जोड़ देना चाहिए कि जो व्यक्ति थूक नहीं सकता उसे भारतीय नागरिक होने का कोई अधिकार […]

हास्य व्यंग्य

स्कूल के वो दिन ! सच मे बड़े याद आते हैं

स्कूल जाते हुए जब छोटे छोटे बच्चों को आज देखा तो याद आ गया की कैसे हम आर्यसमाज के स्कूल मे पढ़ने वाले विद्यार्थी खाकी फुल पैंट और सफ़ेद शर्ट मे पूरे आरएसएस के स्वयंसेवक लगते थे बारिश के समय तो स्कूल जाने का मज़ा ही अलग होता था , कंधे पर 16-17 किलो का […]

हास्य व्यंग्य

आओ शोध करें

मुझे एक ऐसे रिसर्च स्कोलर की आवश्यकता है, जो मेरे साहित्य पर गहराई से शोध करके अपने लिए पी. एच. डी. प्राप्त करना चाहता हो। विश्वास रखिये मैं शोधकर्ता का खून नहीं पिऊँगा, अपितु उसे रोज चाय और बिस्कुट खिलाऊँगा। जहाँ तक गाइड का प्रश्न है वह भी मैं सुलभ करवा दूँगा। गाइड तो बस […]

हास्य व्यंग्य

प्रगतिशीलता की दशा और दिशा

देश विकास कर रहा है। विगत साठ-पैंसठ वर्षों से देश ने विकास करते हुए, प्रगति के अनेक आयामों को छुआ है। देश की जनसंख्या का विकास हुआ। सबने कहा जनसंख्या-विस्फोट हुआ। भई! मैं तो चकरा जाता हँ! विस्फोट होने पर जनसंख्या बढ़ती है, या जनसंख्या बढ़ने पर विस्फोट होता है? हाँ, पिछले दिनों जयपुर, अहमदाबाद, […]

हास्य व्यंग्य

फुटाला के तीर

चलिए, आज आपके सामान्य ज्ञान की जाँच करते हैं। यह बताइए- फुटाला तालाब किसे कहते हैं? -तालाब को। गलत जवाब!! फुटाला तालाब शहर का सबसे धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है। और इस तरह के स्थल हर छोटे-बडे़ शहर में होते हैं। यहाँ धर्म और संस्कृति के नये-नये कैक्टस पनपते हैं। वास्तव में फुटाला तालाब, उस […]

हास्य व्यंग्य

कबीर के साथ एक सुबह!!

  हमारे पुराण कहते हैं कि काशी गये बिना मुक्ति नहीं मिलती। किसे पता कि मरने के बाद बेटा अस्थियाँ गंगा में प्रवाहित करता है या समय और धन के अभाव में बगल में बहनेवाली नाग नदी को ही मेरी मुक्ति का रास्ता बना देता है। नया ज़माना जो है। फिर भी लोग अंतिम सांस […]

हास्य व्यंग्य

राष्ट्रीय मौसम

कई बार मैं बड़ी दुविधा में पड़ जाता हूँ कि पढ़ाते समय बच्चों को अपने देश में मौसमों की कितनी संख्या बताऊँ? बचपन से अब एक सामान्य भारतीय की तरह मेरा ज्ञान कहता है कि इस देश में तीन मुख्य ऋतुएँ- ग्रीष्म, शीत और वर्षा तथा छः उपऋतुएँ-वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर होती […]