अनिच्छा से सृजित
अनिच्छा से सृजित
गर्भ में पनपा कोई भ्रूण
महज़ एक रक्त का लोथरा रहा होगा जब
प्रमाणित कर
कुछ पैसों से
अजश्र रक्त-श्राव कराकर
उसकी बेचैन आँखों में झाँक कर बोला गया होगा
सॉरी
माँ बहा दी होगी –
उस अजन्मे को किसी गंदे नाले में
वो मिन्नतों से नहीं था
उसके आने की कोई बात नहीं थी
उसे आना भी नहीं था
घर के बजट में उसका जिक्र नहीं था
उसने आकर फ़िज़ूल के कुछ खर्च बढ़ा दिए
और माँ
जिन्हें इसबार बधाई नहीं मिली
खट्टे नहीं दिए गए
नहीं दी गई कुछ बेहतर पुस्तकें
उन्हें किसी हिदायत से संभाला नहीं गया
उनके चेहरे को एक बार भी चूमा नहीं गया
नहीं की गई कोई चर्चा संभावित नामों पर
मायके तक नहीं पहुंचा कोई संदेश
अजन्मा , कौतुहल नहीं दे पाया
उचाट मन लिए माँ
कहना चाहती है / रोना चाहती है
तुम तलाश लो अपना जीवन
कोई जला दी जायेगी
भगा दी जायेगी
त्याग दी जायेगी
दी जाती होगी सुबह-शाम गालियाँ
ली जाती होंगी कई-कई परीक्षाएं
मैं मजबूर माँ हूँ
मुझे माफ़ कर दो
उन्हें एक हँसी दे दो ..
जो मर्दों का बांझपन लिए
खुद जी रही है
अच्छी भाव अभिव्यक्ति.