कविता

शासकीय नौकरी में बहुत माल कमाया हूं

चकरे खिला खिला कर जेब ढीली किया हूं भ्रष्टाचार के क्षेत्र में बहुत नाम कमाया हूं अभी-अभी भ्रष्टाचार केस में सस्पेंड हुआ हूं शासकीय नौकरी में बहुत माल कमाया हूं सस्पेंड होने से परेशान नहीं संतुष्ट हुआ हूं घर में हरे गुलाबी के पहाड़ बनाया हूं फ़िर ज्वाइन होने की जुगाड़ भिड़ाया हूं शासकीय नौकरी […]

सामाजिक

सराहना बनाम अहंकार रूपी अदृश्य विष

कुदरत द्वारा रचित इस खूबसूरत सृष्टि में बेहद शक्तिशाली बुद्धिमान मानवीय प्राणीकी रचना कर उसमें ऐसे अद्भुत गुणों की खान को मन, हृदय, मस्तिष्क रूपी शरीर के हिस्सों में इस तरह समायोजित किया है कि अपनें एक एक गुण शक्ति को पहचान कर उसे निखारा जाए तो श्रेष्ठ मानव की मिसाल कायम करने में देर […]

कविता

यादें

यादे ***** ज़िंदगी के कैनवास पर उकेरो सुनहरे ,रुपहले पल ज़िंदगी के कोरे पन्ने पर लिखो स्नेह के मंत्र और आयतें ज़िंदगी के साज़ से ध्वनित कर लो अन्तर्मन ज़िंदगी संगीत है गुनगुना लो मधुर तानों को और जीवन घट भरलो अनमोल यादों से| यादें हाँ यादें साथी तन्हाई का देती हैं हौसला जीवन जीने […]

कथा साहित्य लघुकथा

फेसबुक गर्लफ्रेंड

फेसबुक गर्लफ्रैंड एक फेसबुक गर्ल (प्रोफाइल पिक्चर के मुताबिक) फ्रैंड अक्सर मैसेंजर पर कुछ भी मैसेज करती रहती थी। कभी कभी मैं उसे इमोजी के रूप में जवाब दिया करता था। एक दिन उसने मैसेज किया, “क्या आपकी फेसबुक फ्रैंड लिस्ट में या आपकी जानकारी में कोई ऐसा व्यक्ति है, जो हर किसी ऐरे-गैरे आदमियों […]

कथा साहित्य डिफॉल्ट लघुकथा

लड़की का पिता

लड़की का पिता “अरे ये क्या ? तुम्हारी आंखों में आंसू क्यों ? तुम रो क्यों रही हो ?” ”बहुत पीड़ा हो रही है ।” ”कहाँ ?” ”हृदय में।” ”क्या…? प्लीज, तुम आज मजाक मत करो। मैंने तो तुम्हें एक थप्पड़ भी नहीं मारा।” ”थप्पड़ मार देते, तो शायद इतना दर्द न होता। मेरी आत्मा […]

गीत/नवगीत

गीत

आज फिर आँसू बगावत कर रहे हैं, नैन  के   तटबंध जबरन तोड़कर। फिर पुरानी याद ने दस्तक दिया है, खुल गईं दिल पे लगी सब बंदिशें। धमनियों में ज्वार बन तूफान जागा, मिट गईं दरम्यान से सब रंजिशें।। क्या मिला रिश्तों की डोरी जोड़कर। आज फिर आँसू बगावत कर रहे हैं, नैन  के  तटबंध जबरन […]

राजनीति

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में यह क्या ?

वैश्विक स्तरपर भारत अभी दुनियां का सबसे अधिक जनसंख्या वाला सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश माना जाता है, जिसका लोकतंत्र का मंदिर संसद भवन है,जिसमें सारे देश से चुनकर आए लोकसभा,राज्यसभा सदस्य बैठकर जनता केप्रतिनिधि के रूप में जनता के हितों के लिए लड़ाई करके कानून बनाकर, विकास परियोजनाओं संबंधी नियम विनियम पर चर्चाएं कर देश […]

मुक्तक/दोहा

मुक्तक

गौरवान्वित आज भारत, देखकर संसद भवन को, सत्य की यह गौरवगाथा, धर्म के फैलते परचम को। धर्म दंड की स्थापना, बदलते भारत की आन बान, विश्व गुरू भारत सदा, फहरा रहा तिरंगा गगन को। स्थापत्य शैली इसकी अनूठी, जग आतुर हो देखता, पौराणिक आधुनिकता का संगम, सम्मिश्रण को देखता। धर्म की स्थापना, विज्ञान को आधार […]

पुस्तक समीक्षा

क्रांतिकारियों को शब्द सुमन चढ़ाती कृति ‘राष्ट्र साधना के पथिक’

देश के स्वाधीनता संघर्ष में योगदान देने वाले के बहुश्रुत क्रांतिकारियों के साथ ही गुमनाम नायकों के देशप्रेम, त्याग और बलिदान से भावी पीढ़ी को परिचित कराने एक प्रेरक प्रयास है 38 क्रांतिकारियों, 10 वीरांगनाओं और एक दिल दहला देने वाले घटनाक्रम से सुसज्जित वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद दीक्षित ‘मलय’ के संपादन में शैक्षिक संवाद मंच […]