ग़ज़ल
कज़ा की जानिब से पुकारे तो सभी जाएंगेजो पैदा हुए हैं मारे तो सभी जाएंगे रख के कब्र में तुझको
Read Moreलालू, पप्पू, तेजस्वी, रबड़ी को है बेलअक्खा पाटलिपुत्र यह, देख रहा है खेलदेख रहा है खेल, नहीं हैं नेक इरादेसीढ़ी
Read Moreकई बीमारियाँ वास्तव में बीमारियाँ नहीं होतीं, बल्कि सामान्य उम्र संबंधी परिवर्तन होती हैं। बीजिंग के एक अस्पताल के निदेशक
Read Moreभुला दिये घर बार गाँव के, शहर चले आये,तन्हा छोडा आंगन, उसमें पीपल ऊग आये।पूछ रही दीवारें, दरवाजे भी अलख
Read Moreधर्म पथ पर चलो तो सावधान रहना यार,दूध पिलाओगे साँपों को, डसेंगे बारंबार। सत्य की मशाल जलाओगे, आँधियाँ उठेंगी,नेकी का
Read Moreछोड़ दो शब्दों को स्वतंत्र,बिना दुराव छिपाव बिना घुमाव,कहने दो अपनी बातसरल और सीधी शब्दों में,ताकि न पड़े लोगों को
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