सत्संग
चलो रोज थोड़ी देर सत्संग कर लेंकरुणा, दया भाव दिल में भर लेंप्रेम के सागर में डुबकी लगाकरपवित्रता ह्रदय में
Read Moreसनातन के ध्वज वाहक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, “वन्दे गौ मातरम” भाव का अनुसरण करते हुए वर्ष 2017 में सरकार
Read Moreमैंने देखा —शिव की गूंज में डूबेकंधों पर उठाए भक्ति के भार,पर आंखों मेंज्ञान की उजास नहीं थी…बस नशा था
Read Moreबन जाना नेता, पर विद्या न भूल जाना,भीड़ में भी सोचने का सलीका संभाल लाना।नारे लगाना, भाषण देना अच्छी बात
Read Moreबचपन में हम सुनते थे कि साध्वी वह होती है जो मोह, माया, श्रृंगार, आकर्षण और सांसारिक जिम्मेदारियों से ऊपर
Read Moreभरत जी ने उसी समय अपने नाना जी के पास जाकर दूतों द्वारा लाया गया सन्देश सुनाया और अयोध्या से
Read Moreशिक्षा को राष्ट्र निर्माण की आधारशिला कहा गया है। यह व्यक्ति के ज्ञान, विवेक, सृजनात्मकता और व्यक्तित्व विकास का माध्यम
Read Moreझूले की डोरी से उलझे हैं प्रश्न,हर सावन में मैं स्वयं से टकराती हूँ।मेंहदी रचती हूँ हथेली पर,पर हथेली खुद
Read Moreकुछ लोग अपनेचले जाते हैं।इतनी ख़ामोशी सेकि उनके जाने की आहट भीकानों तक नहीं पहुँचती। फिर हर रोज़मन यही सोचता
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