ग़ज़ल
हमें इतनी फुर्सत कहां थी कि हम चले ही आते मुश्ताक़तुमने हमें ना बुलाकर हाले दिल अपना बयां कर ही
Read Moreशिव आदिनाथ, शिव नील कंठ,रखे शीश गंग , सजे चन्द्र माथ।प्रभु दीन हीन जड़ सबके नाथ,पशु प्रेमी शिवजी पशुपतिनाथ। कर
Read Moreजरा सा लाओ तोअपने अंदर आत्मविश्वास,करना नहीं पड़ेगा कुछ खास,बहता है तो बह जाने दोनैनों से उमड़ता घुमड़ता बहता नीरपर
Read Moreगुपचुप आकर बैठ गया थाजो कारगिल की चोटी परलिखा हमने भी वंदेमातरमदुश्मन की वोटी वोटी पर कुछ सियार आ बैठे
Read Moreजब मौसम विज्ञान इतना अपडेट नहीं था तब बारिश भी इतनी चतुर सुजान नहीं थी और सुनिश्चित समय पर आरंभ
Read Moreगाँव जवार भूला सहचारयुवा भुला अपनी संस्कारकलियुगी रंग में रंगा संसारजग से रूठा कहाँ छुपा प्यार दशहरे की वो ग्रामीण
Read Moreकारगिल दिवस, जो हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। यह
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