वो मुझे अपना लगे क्या कीजिए आप उसके हैं तो बतला दीजिए मैं जहाँ जाता हूँ वो पीछा करे क्यूँ न उसकी इस अदा पर रीझिए सामने आए तो कोई बात हो ऐसे आशिक का भला क्या कीजिए मेरी हर धड़कन में रहता है वही कैसे कोई साँस उस बिन लीजिए वो हो अमृत या […]
दास्तां
रहे दास्तां यदि जीवित तो,पाती तब वह मान है। गौरव में जीवन की शोभा,मिलता नित यशगान है।। दीन-दुखी के अश्रु पौंछकर, जो देता है सम्बल पेट है भूखा,तो दे रोटी, दे सर्दी में कम्बल अंतर्मन में है करुणा तो,मानव गुण की खान है। गौरव में जीवन की शोभा,मिलता नित यशगान है।। धन-दौलत मत करो इकट्ठा, […]
आओ हौसलों को बुलंद रखें
वैश्विक स्तरपर तेजी से बढ़ते प्रौद्योगिकी के विकास के साए में मानव प्रजाति में भागमभाग लगी हुई है। हर देश अपने अपने स्तरपर नए अविष्कारों को प्रोत्साहन दे रहा है और विश्व पर राज करने की होड़ में शामिल होना चाहता है! नवोन्मेष, नवाचार, स्टार्टअप्स, नई नई प्रौद्योगिकियों को उत्साहित मन से और बुलंद हौसलों […]
बत्तीस दांतों के बीच
भारत भीतर ही है बहुत सारे ऐसे, पर्वतराज, हिमालय, पहाड़, श्रृंखला । नैतिकता ही है भारतीयों का, अनेकता में एकता विशेषता । हमेशा सफल रहते हैं भारतीय, जीवन की हरियाली और रास्ता । कभी खत्म ना होने वाली, खुशहाली और मंगल यात्रा । सिर कभी झुका नहीं सकते, बेशक हम कटा सकते हैं । वीरगति […]
होली में मिलते हैं
होली के दिन इस सब लोग , यहां रंगों से रंगीन मिलते हैं । वरना दूसरे दिन जिंदगी की , वजह से सब गमगीन मिलते हैं ।। बे परवाही दिखती है हर शख्स , हर चेहरा की रंगों में डूबे खुशी से । किसी दूसरे दिन हर इंसान कुछ , अलग ख़्यालात जहीन मिलते हैं […]
जीवन उपवन सा खिले
जंगल करते हैं सदा, मानव पर उपकार। औषधियां-फल भेंटकर, दें जीवन संसार।। तरुवर माता-पिता सम, तरुवर मानव मीत। पोषण-सुख देते सदा, जीवन मधुरिम जीत।। पेड़ों को मत काटिए, देते सुखकर छांव। पेड़ बिना जीवन कहां, बंजर धरती गांव।। पौधों से जो जन करें, संतति सा व्यवहार। सुख, शांति संतुष्टि मिले, जीवन सदाबहार।। विटप धरा के […]
समग्र विकास व बदलाव लाने का बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा गठबंधन सरकार की सशक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट विगत एक फरवरी को प्रस्तुत कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट कई मायने में ऐतिहासिक बजट है क्योंकि भारत के राजनीतिक व आर्थिक विश्लेषक बजट प्रस्तुत होने […]
“द पावर ऑफ़ ए वुमन: लाइक ए टी बैग”
कतरा कतरा घुल रही हूँ दर्रा दर्रा पिघल रही हूँ पुर्ज़ा होते जिस्म से मैं.. ज़र्रा जर्रा निकल रही हूँ क्या आपने कभी यह कहावत सुनी है, “एक महिला चाय की थैली की तरह होती है,” जब तक वह गर्म पानी में न हो, आप कभी नहीं जान सकते कि वह कितनी मजबूत है! इस […]
ग़ज़ल
इश्क़ वाजिब ठिकाना नहीं है इसलिए दिल लगाना नहीं है टीस थोड़ी है बाकी अभी तक दर्द इतना पुराना नहीं है जिनके हाथों में हरदम नमक हो चोंट उनको दिखाना नहीं है आईने सी हमारी ये फितरत पत्थरों को बताना नहीं है छोड़ जाएं कहाँ इस जहां को कोई दूजा ज़माना नहीं है ‘जय’ सहेजो […]
ग़ज़ल
प्यार के गांव में इश्क की छांव में ये जीवन गुजर जाए पास महबूब हो छांव हो धूप हो वो दिल में उतर जाए कुछ कहें कुछ सुनें चार बातें करें हम से वो एक दो मुलाकातें करें मेरे तन मन को महका दे इस कदर बनके खुशबू बिखर जाए एक वो चांद है एक […]