सौभाग्य न सब दिन सोता है
हमारे जीवन में सौभाग्य/दुर्भाग्य का समावेशी स्वरूप गतिशील प्रगतिशील होकर साथ साथ चलता रहता है। धर्म ग्रंथों और ज्ञानियों के
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Read Moreकहते हैं वक्त अच्छे अच्छों को मौन कर देता है। कुछ ऐसा ही वरिष्ठ क्रिमिनल लायर आशुतोष जी के साथ
Read Moreभूल से नहीं अपनी मूर्खता सेहम खुद को नहीं बचा पाए,क्योंकि हम आज कीआम राजनीति जो नहीं समझ पाए।घर परिवार
Read Moreपरिचय चंद्रमा सदैव से ही मानव की कल्पनाओं को आकर्षित किये हुए है। रात के आकाश में इसकी चमकती उपस्थिति,
Read Moreछोटी-छोटी खुशियों का संग्रह है ज़िंदगी। खुशियों का पूरा गगन किसी के भी पास नहीं है कि मनुष्य जब चाहे
Read Moreजाग उठो न कर विलंब,नवभोर है उल्लास की। प्रण करो नव साल में, दृढ़ आत्म विश्वास की। रह गये हैं
Read Moreचिड़िया रानी -चिड़िया रानी आओ बैठो दाना चुगलों, पी लो पानी । चिड़िया रानी… चीं – चीं, चूं – चूं
Read Moreढलती रात में धीरज धरो,इक नया सवेरा लाएगा। बीत जाएगा आज है कल ,अतीत बन के आएगा। ढलती रात में
Read Moreपत्नी प्रधान क्या बनीमेरा ही नहीं मेरे परिवार का जलवा बढ़ गया,गांव का घर भी जैसेराजधानी दिल्ली बन गया है।सुबह
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