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जय विजय

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गीतिका/ग़ज़ल
*भरत मल्होत्रा 10/11/202510/11/2025 0 Comments

ग़ज़ल

कज़ा की जानिब से पुकारे तो सभी जाएंगेजो पैदा हुए हैं मारे तो सभी जाएंगे रख के कब्र में तुझको

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कुण्डली/छंद
सुरेश मिश्र 10/11/2025 0 Comments

बाप मरा अंधेरे म, बेटवा क नाम पावरहाउस

लालू, पप्पू, तेजस्वी, रबड़ी को है बेलअक्खा पाटलिपुत्र यह, देख रहा है खेलदेख रहा है खेल, नहीं हैं नेक इरादेसीढ़ी

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कुण्डली/छंद
सुरेश मिश्र 10/11/202510/11/2025 0 Comments

ममदानी

ममदानी की जीत पर, नाचें बाबर वंशट्रंप विरोधी झूमते, खुशी हो रहे कंसखुशी हो रहे कंस, अंश ओसामा वालाजैसे मेयर

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स्वास्थ्य
संकलित 10/11/202510/11/2025 0 Comments

उम्र सम्बंधी शिकायतें

कई बीमारियाँ वास्तव में बीमारियाँ नहीं होतीं, बल्कि सामान्य उम्र संबंधी परिवर्तन होती हैं। बीजिंग के एक अस्पताल के निदेशक

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कविता
गंगा मांझी 10/11/202510/11/2025 0 Comments

कविता

रात को दिन लिखूंदर्द को खुशी लिखूंखामोशी को आवाज लिखूंबुरे लोगों को अच्छा लिखूंखुशी को आंसू लिखूंअंधेरे को उजाला लिखूंप्यार

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मुक्तक/दोहा
शालिनी शर्मा 09/11/202509/11/2025 0 Comments

दोहे

स्वस्थ रहे भारत सदा,हो हर घर खुशहालहरी सब्ज़ियां खाइये,खायें रोटी दाल मच्छर से बचकर रहें,ये करते बीमारगन्दे घर में रोग

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गीतिका/ग़ज़ल
डॉ. अ. कीर्तिवर्द्धन 09/11/202509/11/2025 0 Comments

शहर चले आये

भुला दिये घर बार गाँव के, शहर चले आये,तन्हा छोडा आंगन, उसमें पीपल ऊग आये।पूछ रही दीवारें, दरवाजे भी अलख

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कविता
निशा 'अविरल' 09/11/202509/11/2025 0 Comments

कविता

सभ्यता के मुहाने परखड़ी है कुछ स्त्रियाँपरंपरा की फटी- पुरानीवेशभूषा धारण करअतित का हाथ थामे खड़ी हैवर्तमान को अस्वीकार करतीभविष्य

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कविता
डॉ. सत्यवान सौरभ 09/11/202509/11/2025 0 Comments

भलाई का दंश

धर्म पथ पर चलो तो सावधान रहना यार,दूध पिलाओगे साँपों को, डसेंगे बारंबार। सत्य की मशाल जलाओगे, आँधियाँ उठेंगी,नेकी का

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कविता
राजेन्द्र लाहिरी 09/11/202509/11/2025 0 Comments

बंधे हुए शब्द

छोड़ दो शब्दों को स्वतंत्र,बिना दुराव छिपाव बिना घुमाव,कहने दो अपनी बातसरल और सीधी शब्दों में,ताकि न पड़े लोगों को

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परिचय

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सम्पादक : डाॅ विजय कुमार सिंघल

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