कविता

चिड़िया

चिड़िया तू मर जाना पर पिंजरे में मत जाना। मानव ने अपने मनोरंजन की ख़ातिर तेरी आज़ादी का हनन किया वन वृक्ष काट दिए सब पिंजरे में तुझे बन्द किया। चिड़िया तू पिंजरे में मत जाना। कहीं तुम उड़ न जाओ पंख तुम्हारे काट दिए जायेंगे वह भी तो कमरे की सज्जा मे नयी पहचान […]

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

योगिराज श्रीकृष्ण का सदाचार

महाभारत के प्रमुख पात्र योगिराज श्रीकृष्ण भारतवर्ष की महान् विभूतियों में से एक थे। वे सदाचारी और आदर्श पुरुष थे। वे आदर्श संयमी और मर्यादावादी व्यक्ति थे। पुराणकारों ने उनके उज्ज्वल स्वरूप को बिगाड़ दिया। उनकी देखा-देखी जयदेव, चण्डीदास और सूरदास आदि कवियों ने भी उनके रूप को बहुत विकृत कर दिया है। उनके विषय […]

कविता

भोर

भोर हुई चिड़ियों ने गाया गाना बिखर गया चहुं ओर उजाला नव उमंग से मोर नाचते नई -नवेली कलियों पर भंवरे मंडराते । पूरब में सूरज खड़े लिए धूप का रथ देखो हुआ अंधेरा सारा छू-मंतर पेड़ों की डालों पर फुदक रही गोरैया छत पर दाना बिखराता है रामू भैया । सारे जग को रोशन […]

समाचार

विश्व लघुकथा कोष में मिला स्थान : अर्विना गहलोत

हिंदी लघुकथाओं को बंगला भाषा में अनुवादित पुस्तक विश्व लघुकथा कोश में स्थान मिला है । इस पुस्तक में लगभग 100लोगोंकी लघुकथाएं सम्मिलित की गई इन लघुकथाकारों में देश के दिग्गज लघुकथाकारों के साथ साथ विदेशी लघुककार भी शामिल हैं लघुकथा की सुगंध  बंगाल तक फैल चुकी है विश्व हिंदी लघुकथा संग्रह हाल ही में […]

राजनीति

राजनीति से श्रेष्ठ राष्ट्रनीति

समाज चाहे जितना विकसित हो जाए उसे व उसके जीवन को राजनीति अवश्य प्रभावित करती है,क्योंकि जो सत्ता आप पर शासन करती है उसे प्राप्त करने का लोभ हर व्यक्ति को होता है। प्रत्येक व्यक्ति यह चाहता है सत्ता ताकत तथा लोकप्रियता उसके आसपास रहे, परंतु इस सांसारिक मोह लोभ के आडंबरों में कुछ लोग […]

लघुकथा

आधुनिक ट्रिक

दास बाबू रिटायर हुए, एक उम्र बीत गयी, आफिस में हुकुम चलाते, घर में धौंस दिखाते हुए। घर मे हमेशा से एक गिलास पानी भी स्वयं से नही लेते, बाहर से आते ही, आवाज़ लगाते, “रवीना, कहाँ हो, कमरे में छुपकर मत बैठो, पानी लाओ, फटाफट चाय बनाओ, नहा कर आता हूँ।” उनकी हमेशा से आदत […]

कविता

इक दिन मिट जाना है

सोहरत दौलत  और जवानी इक दिन इसे मिट जाना   है गुरूर घमंड रे       अभिमानी इक दिन ठंड पड़ जाना     है ईष्या द्वेष और तेरी    बेईमानी इक दिन इसे लुट जाना     है प्रेम प्यार और तेरी      कुर्बानी इक दिन फल दे       जाना   है क्रोध तमस और   तेरी  […]

कविता

जिंदगी का सफर

कभी-कभी सोच सपनों की धुंध से बाहर निकल जाती। और जिंदगी के चेहरे पर धूप ठिठक जाती ।। ठिठकी इस  धूप में बढ़ती उम्र की लकीरें साफ नज़र आती। और वे लकीरें साफ-साफ जिंदगी की कहानियां कह जाती ।। वह रास्ते जो मैं तय कर चुका हूँ । जिंदगी से भर कर भी कितना खाली […]

अन्य लेख

प्रतिभा संगीत की

 भारत आदि अनादि काल से प्रतिभाओं का धनी रहा है। यहां हर क्षेत्र में ऐसी अनेक गौरवशाली प्रतिभाएं हैं अगर हम उनका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के यहां कुछ ही नहीं बल्कि हर नागरिक में एक शौर्य प्रतिभा समाई हुई है जिसका अंदाज़ शायद उस प्रतिभावान व्यक्ति को भी नहीं होगा। हमें रानू मंडल […]

कविता

अंत:करण

अंत:करण यानी अंतर्मन से निकले भावों की गूंज, स्वर, भाव अक्सर हमें सुनाई नहीं देते या हम जानबूझ कर अनसुनी कर देते,अबूझ मान लेते हैं या महज भ्रम अथवा बकवास मान लेते हैं। अपने अंतस मन के संकेत नहीं समझते खुद पर बड़ा घमंड करते और फिर पछताते हैं। हमारी सोच और अंत:करण की सोच […]