गिरने की होड़
राजनीति ही हैहम नेताओं के उत्थान का तोड़,इसीलिए हम लगा रहे हैंनैतिक मूल्यों से गिरने की होड़,ऐसा कौन राजनीतिज्ञ हैजिसने
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Read Moreचांद आधा सोया,सपनों की डोर,अब भी तनहा। नींद से दूर,आँखें जागतीं,मंज़िल पुकारे। क़दम थके हुए,दिल मगर बोले,रुकना मत अब। दीये
Read Moreसूरज ढला,पर उजाला ठहरा,मन अब भी जागे। पत्तों की धुन,कहती है चुपके से,कुछ भी स्थिर नहीं। घड़ी की सुई,चलती रही
Read Moreजीवन अपना दांव लगाकर,जग को शिक्षा क्या दे पाए तुम,दुर्योधन का साथ निभाकर,कहो राधेय ! खुश रह पाए तुम? कुंती
Read Moreलोक कितने विलोके हम हैं गए,अकेले फिर भी हम हैं कितने रहे;नज़ारे कितने तारे दिखलाए,नज़र कीटाणु कितने गुण आए! चुस्त
Read Moreकार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी,सनातन परंपरा में शुभ मानी गई तिथि।इस दिन करें सुख-सौभाग्य की कामना,“तुलसी विवाह” करिए
Read Moreराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज शताब्दी वर्ष मना रहा है संघ को जो लोग समाचार पत्रों से टेलीविजन से एवं अन्यान्य
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