गीतिका/ग़ज़ल

वो इंसान कैसा था

याद कर वो बचपन गाँव का  कच्चा मकान कैसा था, दिल से सब ही अमीर थे, पास किसके कोई  पैसा था, गांव के बड़े बुज़ुर्ग चौपालों रहते थे बतियाते अकसर, सर्दियों में जहां मिलकर थे तापते वो अलाव कैसा था, ईद आई कि दिवाली आई,हां चहरों की मुस्कान बढ़ी, इक दुजे को जो बांटते फ़िरते […]

कविता

वो तुम न थे तो कौन था

दिल की गहराईयों में था जो उतर गया, वो तुम न थे तो कौन  था, मेरी सुबह और शाम भी, जिसके  नाम थी, वो तुम न थे तो कौन  था, मुझसे इंतज़ार का वादा करके चला  गया , वो तुम न थे तो कौन  था, वजूद है आज भी ज़ख़्मी ज़ख्मी,क़ातिल, वो तुम न थे […]

गीतिका/ग़ज़ल

ख़ाराशें तल्ख बातों की भुलाई नहीं जातीं

चिन्गारियाँ जो नफरत की लिए फिरते हैं , साथ उनके हो जाऊँ वो इंसान थोड़ी हूँ । मेरी खुशियों को लूटना चाहता है वो , काँट राहों में बिछा दूँ वो इंसान थोड़ी हूँ । मेरे मुत्तालिक कोई राय तू कर ले कायम , मेरा भी किरदार है में बे – ज़मीर थोड़ी हूँ । […]

संस्मरण

मेरी डायरी के ये पन्ने… और वो तुम्हारी यादें…

मुझे इस बात से कहाँ इंकार है कि तुम मेरी नब्ज़ों का तरन्नुम बन गए थे, उन दिनों, मैं किस हद तक तुम्हारी दीवानगी में मुब्तिला रहा करता था, तुम मेरे अहसासात  पर किस तरह  छाए हुए रहते थे, में तो भूल नहीं पाता हूँ, क्या वो सभी पल आपने इतनी आसानी से भुला दिये, तुम्हारे बग़ैर ये […]

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

धनतेरस और भगवान धन्वन्तरि

धनतेरस का महत्व हिंदू धर्म में बहुत उच्च माना जाता है, दिवाली से 2 दिन पहले मनाया जाने वाले इस पर्व को धनत्रयोदशी भी कहते हैं । इस दिन भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है और प्रदोष काल में यम के नाम से दीपदान किया जाता है । धनतेरस के दिन सोना , चांदी , […]

कविता

आंखों में मनुहार की भाषा

आजाओ न फ़ागुन में , नवयौवन सा श्रृंगार , तुम्हारा , आँखों मे , मनुहार की भाषा , तुम अलसाई , भारी मेरी सांसों पर , मैं मतवाला फ़ागुन में , मृगनयन सी आंखें , तुम अलबेली सी , जैसे ,महुवे की मदिरा , रंग बिरंगा मौसम , सजें हैं टेसू.केसरिया , से, सूंदर सुंदर […]

गीतिका/ग़ज़ल

वो शख़्स

मुझको मुझसे ही मांगकर ले गया वो शख़्स । आंखों के रास्ते दिल में उतर गया वो शख़्स । करता रहा दिल से वो दिल्लगी पता न चला । न जाने कब लूटकर चला गया मुझे वो शख़्स । हर ख़ुशी अपनी मैंने तो न्योछावर कर दी उस पर । रातों को जागने की सज़ा मुझे दे गया वो शख़्स […]

गीतिका/ग़ज़ल

फूलों की महक वो प्यारी

मुहब्ब्त की , दिल जलाया , और उन्हें भूल गया मैं तो , बड़े दिल सोज लम्हे थे , वो , जिन्हें अब भूल गया मैं तो , जमाने के रस्म रिवाजों ने , मुझे बीमार कर दिया देखो , तकदीर से अपनी आज फ़िर, भी उलझ गया मैं तो , फूलों की महक वो प्यारीऔर , रातों की कसक […]

कविता

टुकड़े मेरे दिल के

तुम्हारे दर्द की शिद्दत को जानता हूं मैं हूं। हूं मजबूर मुझसे इसलिए आया नहीं जाता। डूबना चाहता हूं शाम के  सूरज की तरह । दिल है नाराज उसको समझाया नहीं जाता । दुनिया की सियासत में सब लूट गया मेरा। साक़ी ने कहा तुम को तो पीना नहीं आता। कट कट के गिरे हैं […]

सामाजिक

तुम भुलाए क्यों नही जाते,, क्या ये ही प्यार है

लोग जब हमारे क़रीब होते हैं तो, वो हम को नज़र ही नहीआते हैं, लेकिन जब वो दूर चले  जाते हैं, या यूं कहें कि हमसे बिछड़ जाते हैं तो,हमसर दिल को अंदाज़ हो जाता है कि , ये दूरियां कितनी तकलीफ़ दे होती हैं, और इन दूरियों में कितनी नज़दीकी है, वक़्त  की लकीरें […]