यादगार रायबरेली यात्रा
रायबरेली काव्य रस साहित्य मंच का प्रथम भव्य राष्ट्रीय आयोजन दिनांक 5 मई को ‘कलश उत्सव लान’ में आयोजित किया
Read Moreरायबरेली काव्य रस साहित्य मंच का प्रथम भव्य राष्ट्रीय आयोजन दिनांक 5 मई को ‘कलश उत्सव लान’ में आयोजित किया
Read Moreवाह हहहहहहह! जनाबआपका भी जवाब नहीं,एक तो आप खुद ‘मैं’ से दूर भी नहीं होना चाहतेऔर ‘मैं’ से ही जाने
Read Moreआप कह रहे हैं कि हम जी रहे हैंचलिए मान लिया अच्छा कर रहे हैंपर कौन सा तीर मार रहे
Read Moreगोण्डा (उत्तर प्रदेश): जिले के वरिष्ठ कवि साहित्यकार देहदानी सुधीर श्रीवास्तव को सुदीर्घ हिंदी सेवा में अनुकरणीय योगदान हेतु ‘काशी
Read Moreमेरी माटी की महिमा अपार हैजान रहा इसे सारा संसार है,भिन्न भिन्न है बोली वाणीअरु भिन्न भिन्न परिधान है। बहुरँगी
Read Moreहमें गर्व है अपनी मातृभूमि परजाति -धर्म, भाषा, संस्कार, तीज, त्योहार, परिवेश परविकास के बढ़ते आयाम, सम्मान स्वाभिमान पर।हमें गर्व
Read Moreहम सब जानते हैंजैसा कर्म करेंगे, वैसा ही फल पायेंगेगीता का यही ज्ञान, है जीवन का विज्ञान।कौरव पाँडव का उदाहरण
Read Moreप्रभु तुम कण कण में होधरती हो या आकाशमनुष्य हो या जानवरपेड़ पौधे फूल पत्तियों मेंहै तेरा निवास।सजीव हो निर्जीव
Read Moreसुख दुख का साथीहम किसे मानते हैं,कभी मां बाप भाई बहनपरिवार, रिश्तेदार कोअपना साथी समझते हैंया अपने जीवन साथीया फिर
Read Moreमन के परिंदे ने अभी तकहौसला नहीं खोया है,उसका आत्मविश्वासअभी नहीं सोया है।थोड़ा डगमगा जरूर रहा हैपर पीछे हटने का
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