औलाद
देखो आया यह कैसा दौर पिता ने मेहनत की जीवन लगा दिया अपना औलाद को बनाने सवाँरने में औलाद पढ़
Read Moreतू वो लिख जिसे लिखने में लोग संकोच करते हैं जो तेरा दिल कहे तू बस वही लिख तुझे किसका
Read Moreभौतिकता के दौर में सुविधाएं तो सब जोड़ दीं पर बच्चों से माँ की गोद छीन ली पाल रही उनको
Read Moreजिंदगी एक अनबूझ पहेली गूढ रहस्यों से भरी पर्त दर पर्त खुलती न मालूम क्या हो हर अगले पर्त के
Read Moreअगर यह न होता तो हम कहाँ के होते एक यही तो है जो साथी है हमारा सब तो किनारा
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