कविता *ब्रजेश गुप्ता 28/11/202328/11/2023 0 Comments चाणक्य बहुत बदला है मैंने खुद को सीखा है ज़माने से सच खुल कर बोला नहीं करते मुँह पर जो कह Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 20/11/202320/11/2023 0 Comments क्षणिका हमनें रोज बदलते देखा इंसा को उसके लहजे उसकी बातों को Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 18/11/2023 0 Comments इमारतें वह इमारतें जिन्हें बनवाया गया था बड़े चाव से अब वीरान सी खड़ी है मुद्दतों से जाने वालों के इंतज़ार Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 18/11/202318/11/2023 0 Comments मेहमान वक़्त का भी कैसा सितम मेहमान तो नहीं हाँ अपने बच्चें ही मेहमान बन त्योहारों पर आ रहे हैं. कुछ Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 16/11/202316/11/2023 चाहतें चाहतें कई रहीं जिंदगी में मिला उतना ही जितना नसीब था लेकिन नसीब के सहारे बैठा ही नहीं रहा लगा Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 13/11/202313/11/2023 मेरे राम राम को पुकार रहे राम गए कहां हैं जो उनको पुकार रहे राम तो पास है तेरे हर क्षण साथ Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 13/11/202313/11/2023 भरोसा न मौसम का भरोसा न इंसान का कोई भरोसा है कब बदल जाये दोनों कोई नहीं इसका भरोसा दो कदम Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 11/11/202311/11/2023 छल कपट वो मिलते हैं मुस्कुराके खंजर हाथ में छिपाके गले से लगाते हैं पीछे से बार कर जाते हैं हम भी Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 09/11/202309/11/2023 योजनाएं सरकारें बनाती है योजनाएं देश के विकास के लिए विकास देश का कम कार्यपालकों का ज्यादा होता है गरीबी हटाओ Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 02/11/202302/11/2023 दिल अभी जवान है कुछ कुछ भूलने सा लगा हूँ स्मृति भी धूमिल सी होने लगी है उम्र की वजह है या दिन दुनियां Read More