देश हमारा
नीले अंबर के विशाल सीने मेंझंडा ऊँचा रहे सदैव हमाराविश्व मंच के विशाल आँगन मेंलहरेगा तिरंगा हम
Read Moreसारा पानी चूस रहे हो क्यूँ नदी समन्दर लूट रहे होप्रकृति संग कर रहे अत्याचार बंद करो प्रकृति पे वार
Read Moreजय शिव शंकर भोले भंडारीकरते हो नन्दी के तुम सवारीभूत प्रेत बना तेरे ही साथीकहलाते हो गौरा माँ
Read Moreएक पल में तेरे गुरूर का लुट जायेगा तेरा अभिमान पाप का घड़ा भर जाने दो मिट जायेगा तेरा अरमान
Read Moreप्रजातंत्र की है अब पुकार जनतंत्र में लाना है सुधार मूर्ख से हैं हम शर्मसार हो रहा देश का
Read Moreताल तलैया सूख गये सारे क्यूं रूठ गई है धरती हमारे क्या हो रहा है ओ भगवान रक्षा करो अब
Read Moreतुमको प्रेम बंधन से है बाँधा कैसे हमें छोड़ चले जाओगे स्नेह की कच्ची धागा है जिसे तोड़ कभी ना
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