गुनगुन करता भौंरा आया फुल कलियों को है रिझाया। चूँ-चूँ करती चिड़िया आईं सुबह का संदेशा ले के आईं। रंग-बिरंगी तितली रानी आई झूम-झूम कर वह नाच दिखाई। फुल-बगीचों में है मुस्काया सबके मन में वह प्रीत जगाया। प्यारी कलियाँ भी मुस्कायी सुंदर रूप अपना है दिखलायी। सर-सर करती हवा भी आई शीतलता का अहसास […]
Author: अशोक पटेल "आशु"
नारियों का सम्मान ही महिला दिवस
“नारी तुम शक्ति स्वरूपा हो नारी तुम श्रद्धा समर्पण हो, नारी तुम आस विश्वास हो नारी तुम सृष्टी का विकास हो।” ऐसे महान नारी शक्ति को नमन है,जिनके मात्र उपस्थिति से शक्ति,सामर्थ्य,और समृद्धि की श्री वृद्धि हो जाती है।इसीलिए इनको शक्ति स्वरूपा कहा जाता है।मानव जाति के लिए नारी ही एक ऐसा आधार है,जो मानव […]
कविता – आदमी खो गया है
आदमी के भीड़ में आदमी खो गया है है कौन वह जानना मुश्किल हो गया है यहाँ दिल भी कहाँ किसी का मिलता है इसलिए अपना भी अनजाना हो गया है। यह आदमी कितना लापरवाह हो गया है अपनों से जुदा–जुदा बेपरवाह हो गया है किसे कहें अपना हम, बेरहम जमाने से कभी अपना था […]
दर्द तो आखिर दर्द होता है
दर्द तो आखिर दर्द होता है दर्द बांटना भी एक दवा होती है, किसी के बहते आंसु को पोंछना खुदा की दुवा से कम नही होती है। दुनिया मे दर्द बहुतों को है और इसे देने वाले भी कम नही है, अब ये जीना सीख लिए हैं पर दर्द देने वालो को चैन नही है। […]
बाल-कहानी – पुरस्कार
रोज की तरह आज भी शाला में प्रातः कालीन राष्ट्रगान चल रहा था।इसके बाद बच्चों को सम्बोधित करते हुए प्रार्थना प्रभारी मास्टर ने प्रेरक वाक्य के लिए राजू !रामू!गोपाल! कहके पुकारा पर कोई तैयार नहीं हुए। पीछे से राजू ने कहा- “मास्टर जी आज हम लोगों ने कोई तैयारी नही की है।अतःआप से निवेदन है […]
बाल-पहेली
(1) तीन रंग का प्यारा प्रतिक है आसमान में जो फहराता है। हरा,शान्ति,त्याग,झलकाता बच्चों वह क्या कहलाता है? (2) ज्ञान जहां पर बच्चे पाते हैं जहां शिक्षकगण पढ़ाते है। घंटी अलारम राग सुनाते हैं वह स्थल क्या कहलाते हैं? (3) फूलों सा वह प्यारे होते हैं माता के जो दुलारे होते हैं। माली जिनके पिता […]
मंदिरों में वही पूजा जाता है
मंदिरों में वही सदा पूजा जाता है जो छेनी-हथोड़े की चोट खाता है। जब अनघड़ पत्थर तराशा जाता है मंदिरों में वही भगवान कहलाता है। दीपक तभी प्रकाशवान बनता है जब वह तिल-तिल जलता जाता है। और वही दीपक प्रकाशित करता है जो जलने की साहस कर पाता है। कुछ पाने के लिए कुछ खोना […]
आज इंसानियत हो रही तार-तार
आज इंसानियत हो रही तार-तार क्यों फल-फुल रहे हैं इतने दुराचार इंसान खो रहा क्यों असल पहचान मानवता दुखी है ये बना रहा हैवान यह मानव ही तो कहलाता है महान महानता हुई धूमिल सस्ती हुई जान हो रही मानवता क्यों अब शर्मशार और इंसानों के हो रहे टुकड़े हजार कैसे कर लेतें हैं कोई […]
हे माँ भगवती तुम आ जाओ
हे माँ भगवती तुम आ जाओ करता हूँ मन से तुझे आह्वान आके तुम मंचासीन हो जाओ आशीष दे दो तुम हमे वरदान। वंदना है तुमको इस हृदय से स्वीकार करो माँ मेरी प्रार्थना बिघ्न-बाधा तुम दूर कर देना आज सफल हो यह साधना। ज्ञान-दायिनी तुम ही हो माता अज्ञानता मेरी तुम दूर करना ज्ञान […]
अभी तो कदम बढ़ाया है
अभी तो कदम बढ़ाया है तेरा दूर मंजिल बाकी है मंजिल दूर तो दिखती है परन्तु मुमकिन बाकी है। कभी भी साहस मत खोना तेरे मन का विश्वास बाकी है कभी खुद को मत भूलाना अभी तेरा जज्बात बाकी है। नामुमकिन कुछ नहीं होता अभी तो तेरा प्रयास बाकी है हौसला तुम कभी मत खोना […]