कविता

आज इंसानियत हो रही तार-तार

आज  इंसानियत हो रही तार-तार क्यों फल-फुल रहे हैं इतने दुराचार इंसान खो रहा क्यों असल पहचान मानवता दुखी है ये बना रहा हैवान यह मानव ही तो कहलाता है महान महानता हुई धूमिल सस्ती हुई जान हो रही मानवता क्यों  अब शर्मशार और इंसानों के हो  रहे टुकड़े हजार कैसे  कर लेतें हैं कोई  […]

भजन/भावगीत

हे माँ भगवती तुम आ जाओ

हे माँ भगवती तुम आ जाओ करता हूँ मन से तुझे आह्वान आके तुम मंचासीन हो जाओ आशीष दे दो तुम हमे वरदान। वंदना है तुमको इस हृदय से स्वीकार करो माँ मेरी प्रार्थना बिघ्न-बाधा तुम दूर कर देना आज सफल  हो यह साधना। ज्ञान-दायिनी तुम ही हो माता अज्ञानता मेरी तुम दूर करना ज्ञान […]

कविता

अभी तो कदम बढ़ाया है

अभी तो कदम बढ़ाया है तेरा दूर मंजिल बाकी है मंजिल दूर तो दिखती है परन्तु मुमकिन बाकी है। कभी भी साहस मत खोना तेरे मन का विश्वास बाकी है कभी खुद को मत भूलाना अभी तेरा जज्बात बाकी है। नामुमकिन कुछ नहीं होता अभी तो तेरा प्रयास बाकी है हौसला तुम कभी मत खोना […]

पुस्तक समीक्षा

स्त्री के जीवन की संघर्ष गाथा- बेबी हालदार की आत्मकथा “आलो-आंधारि”

स्त्री के जीवन की संघर्ष गाथा जो पुरुष प्रधान समाज मे एक सतायी गई महिला के लिए समाज के लिए एक ज्वलंत प्रश्न उपस्थित करता है।और यह प्रश्न है करती है कि क्या पुरुष के बिना स्त्री का कोई अस्तित्त्व नही? क्या वर्तमान समय में स्त्रियों के इस सामाजिक स्थिति मे कोई परिवर्तन आया है? […]

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

स्नान,ध्यान,दान,उपासना का पर्व कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक पूर्णिमा का दिन पूरे वर्ष मे विशेष दिवस के रूप में माना जाता है।क्योंकि इस दिवस को बहुत ही पावन,पुण्य और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है।इस अवसर पर पवित्र तीर्थ स्थलों के नदियों,तालाबों पर स्नान,ध्यान,दीपदान,और उपासना किया जाता है। इस कार्तिक पूर्णिमा को भगवान भोलेनाथ का दुसरा नाम जिनको “त्रिपुरारी” कहा जाता […]

कविता

सरदार पटेल एक लौह पुरुष

भारत माँ के लाडले,और जनजन के दुलारे किसानों के प्रिय रहे ,सरदार पटेल थे प्यारे। खेड़ा आंदोलन में जिसने महा नेतृत्व किया बारदोली में जिनहाने हक का उपहार दिया। जिसने उप प्रधानमंत्री पद को मंडित किया जो राजनीतिक थे और रहे एक अधिवक्ता। स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी और थे ये वक्ता भारतीय गणराज्य के जो […]

कविता

आया छट पर्व सुहाना

आया छट का पर्व यह सुहाना करे हम सूर्य देव की उपासना। सूर्य का ओज और कांति मिले तनमन स्वस्थ हो आरोग्य मिले। हमे सूर्य देव की कृपा दृष्टि मिले सुख सन्तति और सम्पत्ति मीले। सारी सृष्टि का हम आभार करे आओ सूर्य देव का सम्मान करें। आओ प्रकृति का हम मान करे छिति जल […]

कविता

अन्नकूट का पावन पर्व

इंद्र देव का अभिमान मर्दन करने कृष्ण ने गोवर्धन का मान बढ़ाया ब्रजवासियों को प्रकोप से  बचाने पर्वत को  छोटी उंगली से उठाया। ब्रजभूमि की है यह पावन नगरी पावन है पर्वत की  यह परिक्रमा इसकी अनुपम  लीला है सुंदरता पुलस्त्य को मोहा इसकी अनुपमा। पुलस्त्य ऋषि  जी ने इसे बसाया गोवर्धन पर्वत का सम्मान […]

कविता

दीपावली आई

दीप जल उठे दीपावली आई कण-कण में उजियारा छाई, घर-आँगन में रौनकता समायी रँग-रंगोली मन को अति भायी। घर आँगन सुहाने लगते हैं सब के मन को भा जाते हैं, बच्चे मौज-मस्तियाँ करते हैं खूब हंसते और मुस्कुराते है। बच्चे प्यारे-प्यारे लगते हैं ये बड़े न्यारे-न्यारे लगते हैं, चमकीले कपड़े पहनते हैं बच्चे ख़ुशियाँ खूब […]

कविता

मिट्टी के दिये जरूर जलाना

मिट्टी के दीये जरूर जलाना इसी दीये से घर को सजाना और सारे घर को खूब दमकाना इसी से घर-आँगन चमकाना। बाजार में दीये बहुत दिखेंगे विदेशी दिए भी खूब बिकेंगे वहॉं पर दीये मन को मोहेंगे पर मिट्टी के ही दीये खरीदेंगे। ये मिट्टी के दीये जब जलेंगे भीनी खुशबू से खूब महकेंगे प्रकाश […]