कविता

एक कदम तो बढ़ा

एक कदम बढ़ा जज्बा दिखा
तेरी मंजिल तो राह निहारें है
एक छ्लांग लगा के तो देख
वो मुकाम तो पास तुम्हारे हैं।

अपने दिल को छोटा न कर 
अपने मन को, खोटा न कर
एक सपने सजा के तो देख
पूरे होंगे जरूर सपने सारे हैं।

आगे बढ़ खुद से हिम्मत कर
और अपना तू हौसला दिखा
ये वक्त नही है तेरे सोचने का
सफलता तेरी, राह निहारे हैं ।

आगे बढ़ तू सतत आगे बढ़
पीछे तू कभी मुड़ क न देख
मंजिल तुझको पहुंचना ही है
तेरी मंजिल तुझको पुकारे हैं।

तू कमजोर नही तू लाचार नही
तुझमें बल है तुझमें हौसला है
तुझमें आत्मबल है तू अटल है
तू साहसी है तू न हिम्मत हारे है।

तू कमर कस ले,मन दृढ करले
अपनी ये इरादे तू बुलंद कर ले
अपना पुरा आत्मविश्वास जगा
किस्मत के चमकेंगे तेरे सितारे हैं।

— अशोक पटेल “आशु”

*अशोक पटेल 'आशु'

व्याख्याता-हिंदी मेघा धमतरी (छ ग) M-9827874578