हायकू : धरती – १
जेवर वृक्ष
धरती हरी भरी
गर्व करती|
बंजर हुई
हिय कर्म मानुष
प्रसूता धरा|
भू-गर्भ जल
कराहती धरती
अति दोहन|
नेह अपार
धरती गदराई
सुधा बरसे|
मानुष जात
हर विधि दोहन
दनुज धरा|
— सविता मिश्रा
जेवर वृक्ष
धरती हरी भरी
गर्व करती|
बंजर हुई
हिय कर्म मानुष
प्रसूता धरा|
भू-गर्भ जल
कराहती धरती
अति दोहन|
नेह अपार
धरती गदराई
सुधा बरसे|
मानुष जात
हर विधि दोहन
दनुज धरा|
— सविता मिश्रा
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बढ़िया !
शुक्रिया भैया आपका