कविता माँ डॉ. रत्नेश त्रिपाठी 05/07/201405/07/2014 उसकी झोली में खुशियां हजार होती हैं माँ अकेले ही सारा संसार होती है … …… डॉ रत्नेश त्रिपाठी
अच्छी पंक्तियाँ. इनको थोडा विस्तार दीजिये.