सामाजिक

आमिर खान का नया पोस्टर : अश्लीलता की पराकाष्ठा

भारतीय सिनेमा जगत को दो सौ करोड़ के क्लब तक पहुंचाने वाले लोकप्रिय फिल्म अभिनेता आमिर खान की नयी फिल्म पीके के नये पोस्टर से ही देश में तहलका मच गया है। आमिर खान के इस नये नंगे पोस्टर पर पूरे देश भर में समाज के हर वर्ग में गर्मागर्म चटखारों के साथ चर्चायें की जा रही हैं। कोई इसे आमिर का नया शिगूफा बता रहा है तो कोई इसे बेशर्मी की हद बता रहा है। वहीं केई कह रहा है कि यह सस्ती लोकप्रियता बटोरने का गर्मागर्म मसाला है।

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यदि भारतीय संस्कृति की गहराइयों में झांककर भारतीय सभ्यता के अनुरूप इस विज्ञापन को देखा जाये तो यह अश्लीलता की पराकाष्ठा है। कानपुर व इंदौर की अदालतों में इस विषय पर मुकदमा भी दर्ज हो गया है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टिवट किया है कि इस पोस्टर का सबसे पहले कौन विरोध करेगा शिवसेना या फिर राज ठाकरे ? हालांकि चुनावी सीजन मंे अभी तक तो किसी ने भी अपना मुंह नहीं खोला है। हां लेकिन पोस्टर तो आम जनता खूब देख रही है। आधी आबादी यानि की महिलाओं की भी नजर इस नये पोस्टर पर पड़ रही है। सोशल मीडिया पर आमिर का खूब मजाक बनाया जा रहा है। आमिर प्रशंसकों का कहना है कि वाह, क्या आइडिया है। कुछ ने लिखा, यह फिल्म जब 19 दिसम्बर को रिलीज होगी तब सिनेमा के बाक्स आफिस पर महाभूकम्प आ जायेगा। सोशल मीडिया में यह भी टिप्पणी की जा रही है कि यदि यही पोस्टर किसी सामान्य अभिनेता का होता तो उस पर कयामत ही टूट पड़ती । लेकिन यह तो आमिर हैं भाई । टी वी शो सत्यमेव जयते में सामाजिक सरोेकार से जुड़े मुददों को खूब जोरदार ढंग से उठाने वाले आमिर का यह नया तहलका ही है जोकुछ हद तक अश्लील है।

लेकिन इस पोस्टर पर भी तथाकथित छदम आधुनिकतावादी लेखक, विचारक व चिंतक आमिर खान के समर्थन में भी आ गये हैें। इन्हें यह सबकुछ पसंद आ रहा है। कुछ तथाकथित नयी अपने आपकों बेहद आधुनिक समझने वाली तथा शराब के कनशे में लेखन करने वाली महिला लेखिकाओं को बहुत अच्छा भी लग रहा है। इन तथाकथित महिला लेखिकाओं व टिवट्र पर अश्लीलता का समर्थन करने वाली महिलाओं का कहना है कि यदि कोई पुरूष सार्वजनिक रूप से अपने आप को नंगा प्रदर्शित कर रहा है तो इसमें बुराई क्या है। इन लोगों को तो किसी फिल्म अभिनेत्री का भी पूर्ण नग्न शरीर इस प्रकार देखने में कोई बुराई नजर नही आ रही । वैसे भी आज की फिल्मों में अभिनेत्रियों के शरीर पर कपड़े लगातार कम होते ही जा रहे हैं। आमिर के पोस्टर का समर्थन करने वाले वे ही लोग हैं जिन्होंने कभी मकबूल फिदा हुसैन की आपत्तिजनक पेंटिंग्स का समर्थन किया था। अपने बचाव में यह लोग तथाकथित दलीलें देते हैं कि खजुराहोें व अतिप्राचीन मंदिरों की दीवारों पर भी इस प्रकार के उत्तेजक चित्रों की भरमार है। लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि ये चित्र उस समय के संस्कृति व समाज के नैतिक पतन को दर्शाते हैं। आमिर का पोस्टर भी कुछ ऐसा ही चित्रण कर रहा है क्या।

आज भी भारतीय संस्कृति व सभ्यता में काफी हद तक शालीनता का व्यवहार चल रहाहै जो चलता भी रहेगा। अगर आम हिंदुस्तानी घरों में कोई पुरूष बेहद सामान्य अंतवस्त्र में घूमता फिरता है तो उसे असभ्य कहा जाता है। जब महाभारत की लड़ाई में दुर्योधन अपनी मां गांधारी के सामने निःवस्त्र जाने का प्रयास करता है तो उसे भगवान श्रीकृष्ण ऐसा करने से अपने तर्को से रोकते हैं। उधर फिल्म बाजार के पंडितों का मानना है कि आजकल फिल्मों को बाक्स आफिस पर हिट करने के लिए फिल्म मेकर्स इस प्रकार के पोस्टर टीआर पी बढ़ाने के लिए प्रदर्शित कर रहे हैं। कुछ समय पूर्व सिनेमाघरों में यदाकदा ही न्यूड पोस्टर लगा करते थे वह भी काफी छोटे दायरे में जिसे देखने के लिए सिनेमाघरों में भीड़ टूट पड़ती थी। लेकिन माना जा रहा है कि आज का सिनेमा कुछ अधिक ही बोल्ड हो गया है। इस पोस्टर के माध्यम से आमिर खान दो सौ करोड़ की लड़ाई को अब पांच सौ करोड़ के क्लब तक पहुॅचाना चाह रहे हैं.

पोस्टर विवाद का मामला अदालतों तक पहुॅचता देख आमिर खान अपनी सफाई देते हुए कह रहे हैं कि, “यह सीन और पोस्टर फिल्म की कहानी को बयां करता है। दर्शक जब फिल्म देखने जायेंगे तभी पोस्टर का आइडिया समझ में आयेगा। मैं तो बस इतना ही कहना चाहुूंगा कि राजकुमार हमेशा अपनी सोच और चीजों को एक अनूठे तरीके से पेश करने की कोशिश करते हैं।”यह भी खबर आ रहीहै कि अपनी इस नयी फिल्म को लेकर आमिर इतने तनाव में हैं कि उन्होनें एक बार फिर से सिगरेट पीनी शुरू कर दी है।

2 thoughts on “आमिर खान का नया पोस्टर : अश्लीलता की पराकाष्ठा

  • सही कहा मृत्युंजय जी, लेकिन शिव सेना , या हिन्दू संघठन से उठाने की उम्मीद क्यों करते है अब्दुल्ला गैंग, कश्मीरियों से भयंकर कट्टर कौन हो सकता है ? कोई फतवा चलाये.

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा लेख. यह पोस्टर वास्तव में अश्लील है. भले ही यह फिल्म का हिस्सा हो और कहानी की मांग हो, लेकिन सारी फिल्म में से केवल इस पोस्टर को विशेष रूप से प्रचारित करना मक्कारी है. यह शुद्ध अश्लीलता है. सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए.

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